नई दिल्लीः यमुना में हरियाणा द्वारा छोड़े जाने वाले पानी में कमी के चलते दिल्ली में रविवार से अगले एक सप्ताह तक पानी की आपूर्ति प्रभावित रहेगी. इस संकट के और बढ़ने की भी संभावना है, क्योंकि वजीराबाद तालाब का जलस्तर सामान्य स्तर 674.5 फीट से घटकर 667.6 फीट हो गया है. वहीं जलस्तर सामान्य होने तक पानी की यह किल्लत बनी रहेगी. पानी की किल्लत से निपटने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा कदम भी उठाए जा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ सियासत भी हो रही है.
दरअसल दिल्ली जल बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली है. बोर्ड का कहना है कि 1995-96 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार हरियाणा को निर्धारित मात्रा में पानी देना था. आरोप लगाया गया है कि हरियाणा सरकार ने दिल्ली को दिए जाने वाले पानी में 100 MGD की कटौती की है, जिससे करीब दिल्ली की 20 लाख की आबादी प्रभावित हो रही है. कहा गया है कि कि हरियाणा सरकार द्वारा यमुना का पानी रोके जाने के कारण अभी के समय यमुना का जलस्तर सबसे कम है.
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दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने कहा कि अगर ऐसी स्थिति बनी रही तो आने वाले दिनों में राजधानी दिल्ली के अंदर पानी की विकट समस्या उत्पन्न हो सकती है. राघव चड्ढा ने बताया कि दिल्ली एक लैंडलॉक्ड इलाका है, जहां हमें पानी के लिए दूसरे स्रोत और राज्यों पर निर्भर रहना पड़ता है. ऐसे में हरियाणा सरकार द्वारा दिल्ली को सप्लाई किए जाने वाले पानी की आपूर्ति में 100 MGD की कटौती की गई है, जिस कारण दिल्ली के 3 वाटर प्लांट की क्षमता में भी कमी आई है.