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'वॉटर फॉर ऑल, ऑल फॉर वॉटर' कार्यक्रम में जल संरक्षण पर हुई चर्चा, जलपुरुष राजेंद्र सिंह ने कही ये बात

दिल्ली में शुक्रवार को 'वॉटर फॉर ऑल, ऑल फॉर वॉटर' कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें जल संरक्षण पर चर्चा की गई, जिसमें इस क्षेत्र में काम कर रहे कई प्रबुद्धजनों ने भाग लिया.

Water conservation discussed in Water for All
Water conservation discussed in Water for All

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 6, 2023, 11:04 PM IST

नई दिल्ली:अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय जर्मनी के 'आर्ट क्रिएट्स वॉटर फेस्टिवल' के भारतीय संस्करण 'वॉटर फॉर ऑल, ऑल फॉर वॉटर' यानि 'सबके लिए जल, जल के लिए सब' कार्यक्रम का आयोजन वायवा कॉन एगुआ इंडिया और वेलथंगरहिल्फ इंडिया द्वारा गोएथे-इंस्टीट्यूट/मैक्स मूलर भवन, नई दिल्ली के साथ साझेदारी में आयोजित किया गया. शुक्रवार शाम शुरू हुआ यह उत्सव समाज में बदलाव की पहल करने वालों, क्लाइमेट एक्टिविस्ट, संरक्षणवादियों, पर्यावरणविदों, नीति निर्माताओं, विशेषज्ञों, विचारकों और क्रिएटिव प्रैक्टिशनर्स को एक मंच पर ला रहा है, जिसमें भारत और अन्य देशों के कई कलाकार, बच्चे, युवा और वरिष्ठ लोग हिस्सा ले रहे हैं.

जल और स्वच्छता के लिए आयोजित किए गए इस दो दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम का लक्ष्य कला, पुस्तक, संवाद, नृत्य, व्यंजन, संगीत, कविता, कठपुतली के खेल और थिएटर को एक साथ लाना है. प्रदर्शनी में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और बिहार में वेलथंगरहिल्फ इंडिया और वायवा कॉन एगुआ की पहल वॉश (वॉटर, सैनिटेशन एंड हाईजीन) को प्रदर्शित किया गया है. साथ ही पुरस्कार विजेता समाजसेवियों के कामों को भी यहां प्रदर्शित किया गया है.

इस दौरान भारत के जल पुरुष राजेंद्र सिंह, जल संरक्षणवादी संजय सिंह और शिक्षाविद एवं सामाजिक कार्यकर्ता योगेश कुमार के साथ एक संवाद सत्र भी हुआ. इस उत्सव के साझेदारों में आगाज थिएटर ट्रस्ट, आर्टरीच, काठकथा पपेट आर्ट्स ट्रस्ट, वन डॉट फाउंडेशन और द कम्युनिटी लाइब्रेरी नेटवर्क शामिल हैं, जो कला के माध्यम से समाज में बदलाव लाने की दिशा में स्थापित नाम हैं. जल संरक्षणवादी संजय सिंह ने 'ईटीवी भारत' को बताया कि दुनियाभर में पानी का उपयोग सबसे ज्यादा भारत में होता है, क्योंकि भारत की आबादी ज्यादा है. उन्होंने ने कहा की कल के लिए जल होना बहुत जरूरी है. इसी सोच के साथ इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है.

जलपुरुष राजेंद्र सिंह ने बताया कि अगर भारत को 'पानीदार' बनाना है तो सामुदायिक विकेंद्रित जल प्रबंधन करना होगा. पानी का संरक्षण करने के लिए बादलों से निकली हर बूंद से धरती के पेट को भरना होगा, जिससे वह पानी फिर हमारे पेट को भरेगा. सामुदायिक विकेन्द्रित जल प्रबंधन ही भारत को पानीदार बना सकता है. उन्होंने आगे बताया कि भारत आज जलवायु परिवर्तन के कारण 'बेपानी' हो रहा है. गांव में खेती के लिए पानी नहीं है यही वजह है ग्रामीण युवा शहरों का रुख कर रहे हैं.

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