नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली की दो करोड़ आबादी तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने की जिम्मेदारी दिल्ली जल बोर्ड की है. 18,000 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन के जरिए दिल्ली जल बोर्ड दिल्ली के लोगों तक पीने का पानी पहुंचा रहा है. लेकिन इन पाइप लाइनों में होने वाले लीकेज के जरिए दिल्ली जल बोर्ड को रोजाना हजारों लीटर पानी का नुकसान भी उठाना पड़ता है. पानी की मॉनिटरिंग के लिए दिल्ली जल बोर्ड द्वारा घरों में मीटर तो लगाए जा रहे हैं लेकिन इसकी रफ्तार काफी धीमी है.
दिल्ली में पानी की बर्बादी कब तक रोज मिलती है 30 शिकायतें दिल्ली जल बोर्ड के पाइप लाइनों में होने वाले लीकेज का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हर साल दिल्ली जल बोर्ड औसतन करीब 11,000 लीकेज पॉइंट की मरम्मत करता है. इससे साफ है कि पाइप लाइनों में 1 दिन में औसतन 30 जगहों पर लीकेज होती है. इनमें से कुछ पॉइंट को तो समय पर ठीक कर लिया जाता है. लेकिन कुछ लीकेज के जानकारी मिलने में जल बोर्ड को कई दिन लग जाते हैं जिस कारण हजारों लीटर पानी बर्बाद हो जाता है.
18,000 किलोमीटर लंबी है पाइप लाइन
अगर बात दिल्ली में दिल्ली जल बोर्ड द्वारा स्थापित पाइपलाइन की करें तो वर्तमान के समय दिल्ली में लगभग 18,000 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन द्वारा दिल्ली की लगभग दो करोड़ आबादी तक पीने का पानी पहुंचाया जाता है. हालांकि अभी भी कई अनधिकृत कॉलोनियों में पानी की पाइप लाइन नहीं डाली गई है और वहां पानी का टैंकर ही लोगों का एकमात्र सहारा है.
नहीं है कोई आधुनिक तकनीक
दिल्ली जल बोर्ड द्वारा पाइप लाइन में लीकेज होने से रोजाना हजारों लीटर पानी बर्बाद हो जाता है. लेकिन हैरानी की बात यह है कि अभी तक दिल्ली जल बोर्ड के पास लीकेज का पता लगाने के लिए कोई विशेष आधुनिक तकनीक मौजूद नहीं है. जिससे लीकेज की जगह का समय पर पता लगाकर उसे समय पर ही ठीक किया जा सके ताकि पानी की बर्बादी ना हो. पानी की अत्यधिक खपत पर नजर बनाए रखने के लिए दिल्ली जल बोर्ड घरों में मीटर तो लगवा रहा है लेकिन इसकी रफ्तार काफी धीमी है. जल बोर्ड से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली के प्रत्येक घर में मीटर लगवाना खुद में एक बड़ी चुनौती है. कई बार एजेंसी के स्तर पर भी इसमें कोताही बरती जाती है. जिस कारण कई लोगों द्वारा दिल्ली जल बोर्ड की तरफ से सप्लाई किए जाने वाले पानी की कालाबाजारी भी की जाती रही है.
होती है कार्रवाई
इस पूरे मामले पर दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा का कहना है कि पानी की बर्बादी ना हो इसके लिए दिल्ली जल बोर्ड समय-समय पर जागरूकता अभियान भी चलाता है. दिल्ली जल बोर्ड के अंदर कुछ प्रावधान है जिसके अंतर्गत भी पानी को बर्बाद करने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जाती रही है. बहुत बार यह देखा जाता है कि पानी की टंकी भर गई है लेकिन फिर भी पानी बह रहा है, तो ऐसे लोगों को चिन्हित कर दिल्ली जल बोर्ड के अंदर आने वाले प्रावधान के तहत कार्रवाई की जाती है. उन्होंने कहा कि दिल्ली के सभी घरों में पानी की बर्बादी को रोकने के लिए मीटर भी लगाए जा रहे हैं और आने वाले कुछ समय के अंदर दिल्ली के सभी घरों में ऐसे मीटर लग जाएंगे, जिसके बाद हम काफी हद तक पानी को बर्बाद होने से रोक सकेंगे.