नोएडा: दिवाली से पहले नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बढ़ता प्रदूषण का स्तर एक बार फिर से खतरे की घंटी बजा रहा है. रविवार को भी ग्रेटर नोएडा का AQI 330 रहा वहीं नोएडा का 324 रहा. इसके बाद भी ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) का पालन नहीं किया जा रहा है. जगह-जगह कूड़े के ढेर में आग लगा दी जाती है. जिसके धुएं से आसपास रहने वाले लोगों को काफी परेशानी होती है. वायु प्रदूषण की रोकथाम के इंतजाम सही से नहीं किए जा रहे है. अफसरों की लापरवाही का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है.
नोएडा और ग्रेटर नोएडा का AQI रेड जोन में है. जिससे बुजुर्ग ओर बच्चो के लिए हवा हानिकारक साबित हो रही है, आखों में जलन और सॉस लेने में दिक्कतें आ रही है. जिला प्रशासन और प्रदूषण विभाग इससे निपटने के लिए कवायद शुरू कर दी है. दिवाली के पहले ही प्रदूषण का स्तर रेड जोन में पहुंचने से ग्रैप की गाइडलाइन के अनुसार, पाबंदियों बढ़ाई जा सकती हैं.
स्मॉग की की चादर ने शहर को पूरी तरह से अपनी आगोश में ले लिया है. आसमान पर धूल के गुबार छाए हुआ है. प्रदूषण पर नियंत्रण करने के लिए जिला प्रशासन और प्रदूषण विभाग इससे निपटने के लिए कवायद शुरू कर दी है लेकिन इसका ये प्रयास भी नाकाफी साबित हो रहा है. इसका कारण है कि ग्रेड रिस्पांस एक्शन प्लान का पालन पूरी तरह से नहीं किया जा रहा है जगह-जगह कूड़ा जलाया जा रहा है यह दृश्य ओमिक्रॉन 1ए के ग्रीन बेल्ट का है जहां कूड़ा जलाया जा रहा है. जिम्मेदार अधिकारी नदारत है, उनकी लापरवाही का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा हैं.