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MCD में वार्ड कमेटी का चुनाव दिलचस्प, 7 जोन में AAP और 4 में BJP को बहुमत - 7 जोन में AAP और 4 में BJP को बहुमत

MCD चुनाव के नतीजे (Delhi MCD Election Results) आने के बाद अब अगले कुछ दिनों में मेयर पद के चुनाव के साथ सदन का गठन भी हो जाएगा. वहीं, दिल्ली एमसीडी के अंतर्गत आने वाले सभी 12 जोन में वार्ड कमेटी के चुनाव बेहद दिलचस्प हो गए हैं. नतीजे सामने आने के बाद जो नई नवगठित एमसीडी की तस्वीर निकलकर सामने आई है, उसके तहत 12 जोन में से 7 जोन आप के कब्जा रहेगा. 4 जोन में बीजेपी का कब्जा रहेगा.

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Published : Dec 9, 2022, 4:38 PM IST

नई दिल्ली:एमसीडी चुनाव के नतीजे (Delhi MCD Election Results) सामने आने के बाद अब सबकी नजरें मेयर चुनाव पर टिकी हैं. दूसरी तरफ एमसीडी के अंतर्गत आने वाले दिल्ली के 12 जोन में वार्ड कमेटी के चुनाव बेहद दिलचस्प होने वाले हैं. जहां 7 जोन में आप और 4 में बीजेपी के पास बहुमत है. वहीं, सेंट्रल जोन एक ऐसा क्षेत्र रहेगा, जहां आप और बीजेपी में वार्ड कमेटी के चुनाव के दौरान कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी.

एमसीडी चुनाव के नतीजे में भले ही बीजेपी 15 साल के शासन के बाद सत्ता से बाहर हो गई है, लेकिन केशवपुरम में जीत के मामले में बीजेपी टॉप पर रही है. इसके चलते इस जोन में बीजेपी का कब्जा रहेगा. बीजेपी ने संगठन के स्तर पर दिल्ली में 14 जिले बनाए हैं. इनमें सबसे ज्यादा सीटें बीजेपी को केशवपुरम से ही मिली है. जहां 15 में से 13 पर बीजेपी को जीत मिली है.

एमसीडी के 12 जोन में से 4 जोन केशवपुरम, नजफगढ़, शाहदरा नार्थ और शाहदरा साउथ जोन में बीजेपी के पास बहुमत है. ऐसे में इन चारों जोन के अंदर वार्ड कमेटी में बीजेपी की सरकार बनना तय माना जा रहा है. इस बार जो नया सदन एमसीडी में बनेगा, उसमें स्टैंडिंग कमेटी में भी भाजपा के पार्षदों की संख्या सत्ताधारी दल के पार्षदों की संख्या को सदन की कार्यवाही में टक्कर देती नजर आएगी.

केशवपुरम जोन में 15 में से 13 वार्ड, नजफगढ़ जोन में 22 में से 13 वार्ड, शाहदरा साउथ जोन ने 26 में से 17 और शाहदरा नॉर्थ जोन में 35 में से 18 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. एमसीडी के अंतर्गत आने वाले सभी 12 जोन में निगम के कामकाज और प्रशासनिक व्यवस्था को भलीभांति तरीके से चलाने के लिए हर वार्ड में एक वार्ड कमेटी का गठन किया जाता है, जिनमें हर साल अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद पर चुनाव होते हैं. वार्ड कमेटी में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद पर चुने जाने वाले पार्षद के कार्यकाल की सीमा एक साल की होती है.

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