दिल्ली

delhi

ETV Bharat / state

Study on Heart Attack: हार्ट अटैक से रखना है खुद को दूर, तो सर्दियों में मुंह ढंक कर सोने से बचें - सर्दियों में हार्ट अटैक से ऐसे बचें

दिल्ली के अस्पतालों में पिछले एक हफ्ते में हार्ट अटैक के 65 मरीज भर्ती हुए. इनमें 8 मरीजों की मौत हो गई. अब इन मरीजों में अचानक हार्ट अटैक की समस्या को लेकर एक वजह सामने आई है. एम्स के डॉक्टर राकेश यादव ने ठंड के दिनों में मुंह ढंक कर सोने को इसकी वजह बताया. आइए जानते हैं पायलट स्टडी में मुंह ढंक कर सोने को लेकर क्या बातें सामने आई हैं...

Etv Bharat
Etv Bharat

By

Published : Jan 16, 2023, 5:01 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के चार बड़े अस्पतालों में एक सप्ताह में 65 हार्ट अटैक के मामले आए तो डॉक्टरों ने सभी को बचाने की पूरी कोशिश की, मगर 8 लोगों की मौत हो गई. मौत का कारण हार्ट अटैक तो था, लेकिन अटैक आने की वजह हैरान करने वाला सामने आया है. पायलट स्टडी में पाया गया है जिनकी मौत हुई, उन्हें मुंह ढंक कर सोने की आदत थी.

दिल्ली के एम्स, सफदरजंग अस्पताल, जीबी पंत और राम मनोहर लोहिया अस्पताल में जनवरी के पहले सप्ताह में हार्ट अटैक के आने वाले 65 मरीजों में से 8 की आकस्मिक मौत हुई थी. पायलट स्टडी में पाया गया कि जिनकी मौत हुई उनका ठंड से बचाव के लिए रात को मुंह को कंबल या फिर रजाई से ढंक कर सोने की आदत थी. जिन आठ की हार्ट अटैक से मौत हुई है, उनमें से चार एम्स में अटैक आने के बाद पहुंचे थे, दो जीबी पंत हॉस्पिटल और दो सफदरजंग अस्पताल में इलाज के लिए आए थे.

मुंह ढंक कर सोने से हर्ट तक ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है.

मुंह ढंक कर सोने से क्या होते हैं दुष्परिणामः एम्स के डिपार्टमेंट ऑफ कार्डियोलॉजी यूनिट के निदेशक डॉ. राकेश यादव कहते हैं, इसमें कोई हैरानी वाली बात नहीं है. हृदय (हार्ट), फेफड़े (लंग्स) में विकृत संबंधी रोगियों को यह ध्यान देना होगा कि वह रात को सोते समय रजाई, कंबल से नाक मुंह को ढंक कर नहीं सोए. ठंड के दौरान तापमान कम हो जाता है जिससे ब्लड वेसल्स सिकुड़ जाते हैं. शरीर में खून का संचार अवरोधित होता है. इससे हर्ट तक ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है, जिसका अर्थ है कि हर्ट को शरीर में खून और ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है. इस वजह से ठंड के मौसम में हृदय संबंधी बीमार मरीजों की संख्या बढ़ जाती है. हर्ट अटैक तब होता है जब शरीर की आवश्यकता के अनुसार ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त खून पंप नहीं करता. इसकी वजह से हर्ट कमजोर हो जाता है और समय से के साथ हृदय की मांसपेशियां सख्त हो जाती है.

पायलट स्टडी टीम में शामिल विशेषज्ञों ने सलाह दी कि ठंड से बचाव के लिए कम से कम नाक और मुंह को ढंक कर नहीं सोना चाहिए. उन्हें ठंड से बचाव के अन्य तरीकों को अपनाने चाहिए. हर्ट को सेहतमंद रखने वाली एक्सरसाइज करनी चाहिए. नमक और पानी की मात्रा सर्दी में कम कर देनी चाहिए, क्योंकि पसीने में यह नहीं निकलता है. ब्लड प्रेशर की जांच कराते रहें. ठंड की परेशानियों जैसे कफ, कोल्ड, फ्लू आदि से खुद को बचाए रखने की कोशिश करनी चाहिए.

मुंह ढंक कर सोने से मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ने का भी खतरा.

मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ने का भी खतराःगुरु तेग बहादुर अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉक्टर सुभाष गिरी के अनुसार, इस समय कड़ाके की ठंड पड़ रही है. लोगों को एक के ऊपर एक कई कपड़े पहनने के बाद भी ठंड से राहत नहीं मिल पा रही. इसके बावजूद रजाई के अंदर मुंह करके सोने से बचना चाहिए. डॉ गिरी गिरी कहते हैं कि कई रिसर्च में बताया गया कि रजाई के अंदर रातभर मुंह ढंक कर सोने से मानसिक स्वास्थ्य भी बिगड़ सकता है. यहां तक कि लंबे समय से ऐसा करने वालों को अल्जाइमर या डिमेंशिया जैसी भूलने की गंभीर बीमारी भी हो सकती है.

ये भी पढे़ंः Auto Expo 2023: लाइजर मोबिलिटी ने पेश किया ऑटो बैलेंसिंग इलेक्ट्रिक स्कूटर

मुंह ढंककर सोने से स्लीप एपनिया की हो सकती है समस्याःएलएनजेपी अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉक्टर सुरेश कुमार के अनुसार, स्लीप एपनिया की बीमारी से जूझ रहे लोगों को सोते समय सांस लेने में दिक्कत होती है. ऐसे लोगों के सांसें सोते समय रुक जाती है और वे घबराकर उठ जाते हैं. सांस रुकने का समय एक मिनट तक हो सकता है. इस बीमारी से जूझ रहे लोगों का रजाई के अंदर मुंह ढंक करके सोना घातक साबित हो सकता है. कई मामलों में रजाई के अंदर मुंह करके स्लीप एपनिया की समस्या को बढ़ा सकता है. शरीर में ऑक्सीजन का स्तर घट जाता है.

ये भी पढ़ेंः Auto Expo 2023: पेश की गई भविष्य के ईंधन की गाड़ियां, मारुति वैगनआर और कोरोला अल्टिस से उठा पर्दा

ABOUT THE AUTHOR

...view details