नई दिल्ली: दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को लिखे पत्र में उनका ध्यान दो आरोपों की ओर आकर्षित किया है, जो दिल्ली में शिक्षा जगत में आजकल चर्चा का विषय बना हुआ हैं. पहला दिल्ली सरकार के स्कूलों में प्रधानाचार्यों की भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार और दूसरा आम आदमी पार्टी के एजेंडे के राजनीतिक प्रचार के लिए राज्य शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) फंड का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग. दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने उपराज्यपाल को लिखे पत्र में कहा कि मेरी जानकारी में आए तथ्यों के अनुसार दिल्ली सरकार ने सरकारी स्कूलों में 334 प्रधानाचार्यों की भर्ती प्रक्रिया में बहुत सारी खामियां हैं.
सचदेवा ने कहा कि चयनित 334 प्राचार्यों में से एक तिहाई से अधिक प्राचार्यों द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों में विसंगतियां हैं. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, शिक्षा मंत्री आतिशी और दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत के कारण फर्जी दस्तावेज जमा किए गए हैं. चयनित प्रधानाध्यापकों द्वारा जमा की गई बेसिक शिक्षा की डिग्रियां फर्जी हैं. इसी तरह जाति प्रमाण पत्र, आर्थिक स्थिति प्रमाण पत्र, अनुभव प्रमाण पत्र भी फर्जी हैं. इस भ्रष्ट प्रक्रिया में करोड़ों रुपये का लेन-देन हुआ है. उन्होंने कहा कि अगर हम यह कहें कि केजरीवाल सरकार द्वारा की गई 334 प्रधानाध्यापकों की भर्ती वर्ष 2000 में हरियाणा में हुए 3204 जूनियर बेसिक शिक्षक भर्ती घोटाले की तरह ही दागदार है तो अतिश्योक्ति नहीं होगी.
सचदेवा ने कहा कि एससीईआरटी की स्थापना 1998 में विशेष निधियों के साथ की गई थी, जिसका उपयोग शिक्षकों के उचित प्रशिक्षण और निरंतर शिक्षा के साथ-साथ छात्रों की सामंजस्यपूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है. 2015 से केजरीवाल सरकार राजनीतिक प्रचार के लिए एससीईआरटी फंड का उपयोग कर रही है. शिक्षा मंत्री आतिशी द्वारा लगभग हर सप्ताह दिल्ली के त्यागराज या तालकटोरा स्टेडियम में एससीईआरटी. फंड का उपयोग करके 2 से 3 कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.