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राष्ट्रपति के अभिभाषण के बहिष्कार से सामने आया AAP का अराजक चेहरा: भाजपा

बजट सत्र की शुरुआत से पहले आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया. इस मामले को लेकर बीजेपी नेता वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण के बहिष्कार से आम आदमी पार्टी का अराजक चेहरा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेनकाब हुआ है.

वीरेन्द्र सचदेवा
वीरेन्द्र सचदेवा

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Published : Jan 31, 2023, 5:20 PM IST

Updated : Jan 31, 2023, 7:43 PM IST

दिल्ली भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा

नई दिल्ली:संसद के बजट सत्र की आज से शुरुआत हो गई है. बजट सत्र की शुरुआत से पहले संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू संबोधित किया. वहीं अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया. इस मामले को लेकर दिल्ली भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने अपना बयान जारी किया है. उन्होंने कहा कि आज जिस तरह से संसद के बजट सत्र के प्रारम्भ पर आप ने जिस तरह से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण का बहिष्कार किया है उससे आप का आराजक चेहरा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेनकाब हुआ है.

सचदेवा ने कहा है कि अब तक आम आदमी पार्टी दिल्ली में उपराज्यपाल से टकराती थी. अधिकारियों से टकराती थी. विधानसभा सदन में विपक्ष का दमन करती थी और नगर निगम सदन में हंगामा करती थी. आप धीरे-धीरे दिल्ली में एक आराजक पार्टी के रूप में जाने जानी लगी थी, पर आज संसद की संवैधानिक कार्यवाही के सबसे महत्वपूर्ण अंग राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार कर आम आदमी पार्टी ने अपना अराजक चेहरा खुद ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेनकाब कर दिया.

भारत दुनिया की एक बड़ी अर्थव्यवस्था है और संसद के बजट सत्र और राष्ट्रपति के अभिभाषण पर सारे दुनिया के मीडिया की नजर रहती है और आज भी रही, ऐसे में सारी दुनिया ने आज आम आदमी पार्टी को संवैधानिक प्रक्रिया का बहिष्कार करते देखा गया है, जो निंदनीय है.

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बता दें, संसद का बजट सत्र मंगलवार से शुरू हो गया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अपना पहला अभिभाषण दिया. उन्होंने कहा कि हमें आत्मनिर्भर भारत बनाना है. ये नए युग का नया भारत है. हम 10वें नंबर से पांचवें नंबर की अर्थव्यवस्था बन गए हैं. उन्होंने कहा कि अमृतकाल का यह 25 वर्ष का कालखंड, स्वतन्त्रता की स्वर्णिम शताब्दी का और विकसित भारत के निर्माण का कालखंड है. ये 25 वर्ष हम सबके लिए और देश के प्रत्येक नागरिक के लिए कर्तव्यों की पराकाष्ठा करके दिखाने के हैं.

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Last Updated : Jan 31, 2023, 7:43 PM IST

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