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पानी के बकाया बिल माफ करने पर BJP ने उठाए सवाल, कहा- फूंक मारने पर चलता है मीटर

भाजपा के राज्यसभा सदस्य विजय गोयल ने दिल्ली जल बोर्ड द्वारा अधिकृत पानी के मीटर पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब पानी आता है तब तो मीटर तो चलता ही है मगर जब पानी नहीं आता तब भी मीटर उसी रफ्तार से चलती है.

पानी के बकाया बिल माफ करने पर विजय गोयल ने उठाए सवाल etv bharat

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Published : Aug 28, 2019, 8:22 PM IST

नई दिल्ली:राजधानी में केजरीवाल सरकार द्वारा पानी की वितरण व्यवस्था पर ही भाजपा ने सवाल खड़े कर दिए हैं. एक दिन पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री जो कि जल बोर्ड के चेयरमैन भी हैं उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पानी बिल बकायेदारों का एरियर व अन्य शुल्क माफ करने का ऐलान किया था.

पानी के बकाया बिल माफ करने पर विजय गोयल ने उठाए सवाल

वहीं भाजपा ने अब जल वितरण व्यवस्था पर ही सवाल खड़े करते हुए केजरीवाल सरकार के खिलाफ अभियान चलाने का फैसला लिया है. भाजपा के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सदस्य विजय गोयल ने दिल्ली जल बोर्ड द्वारा अधिकृत पानी के मीटर पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि जब पानी आता है तब तो मीटर तो चलता ही है मगर जब पानी नहीं आता तब भी मीटर उसी रफ्तार से चलती है और इसका बिल उपभोक्ताओं से सरकार वसूलती है.

'विफलता छिपाने का प्रयास'
उन्होंने पानी के बिलों को माफ करने की मुख्यमंत्री की घोषणा को आज फिर चुनावी स्टंट करार दिया और कहा कि इससे दिल्ली सरकार ईमानदार बिलों का भुगतान करने वाले उपभोक्ताओं को हतोत्साहित कर रही है. गोयल ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जल बोर्ड के चेयरमैन हैं और अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए जिस तरह से चुनाव से चंद महीने पहले अब बकाया बिल माफ करने का ऐलान करते हैं. यह अपनी विफलता को छिपाने का प्रयास कर रहे हैं.

केजरीवाल से श्वेत पत्र लाने की मांग
उन्होंने कहा कि पिछले 1 साल में जल बोर्ड ने जो टेंडर किए हैं, उनमें भारी भ्रष्टाचार हैं. जिसका वे जल्दी पर्दाफाश करेंगे और दिल्ली सरकार से जल बोर्ड के कार्यकलापों पर श्वेत पत्र लाने की भी मांग की है. ताकि जनता देख सके कि उनके पैसे को किस तरह से केजरीवाल सरकार ने लूटा है.

मुफ्त की योजनाओं पर गोयल ने उठाए सवाल
विजय गोयल आगे कहा कि चुनाव को देखते हुए केजरीवाल सरकार ने आनन-फानन में झूठा प्रचार के लिए मुफ्त की योजनाएं घोषित कर रही है. जो या तो पूरी नहीं होंगी या उसका फायदा जनता को नहीं मिलेगा.

वहीं गोयल ने यह जानना चाहा कि पिछली बार 2016-17 में जब पानी के बिलों में इसी प्रकार की छूट दी गई तब दिल्ली सरकार को 484 करोड़ रुपये जल बोर्ड को देने थे क्या वह दे दिए? दिल्ली जल बोर्ड का 5000 करोड़ का वार्षिक बजट है. जिसमें से 2.5 हजार करोड़ प्लान डेवलपमेंट और 2.5 हजार करोड़ रेवेन्यू के हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें बहुत सारे लोग मिले, जो कहते हैं कि हमें भी बिल नहीं भरने चाहिए थे. यह सरकार चुनाव जीतने के लिए कुछ भी कर सकती है और लोगों को यह संदेश दे रही है कि चाहे पानी का बिल या बिजली का या जो भी बिल हो उसे जनता ना भरे.

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