नई दिल्ली:सरकारी स्कूलों के वाइस प्रिंसिपल और प्रिंसिपल संघ ने दिल्ली शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी किए गए कुछ सर्कुलर को लेकर अस्पष्टता जाहिर की है. जिसको लेकर उन्होंने शिक्षा निदेशालय को एक पत्र लिखकर कुछ बातों पर स्पष्टीकरण मांगा है. सभी वाइस प्रिंसिपल और प्रिंसिपल एसोसिएशन ने गेस्ट टीचर और सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए) में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया से संबंधित कई पहलुओं पर सुझाव मांगा है. साथ ही एसएमसी सदस्यों के पुनर्गठन पर भी परेशानियां जाहिर की है.
शिक्षा निदेशालय के सर्कुलर पर प्रिंसिपल संघ ने अस्पष्टता जताई अतिथि शिक्षकों की ज्वाइनिंग को लेकर मांगा स्पष्टीकरणवहीं शिक्षा निदेशालय को लिखे गए पत्र में सभी स्कूलों के वाइस प्रिंसिपल और प्रिंसिपल ने गेस्ट टीचरों की जॉइनिंग को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है. उनका कहना है कि शिक्षा निदेशालय ने जो सर्कुलर जारी किया है उसमें कुछ बातें स्पष्ट नहीं है. सबसे पहले यह कि क्या एचओएस को उन अतिथि शिक्षकों को भी जॉइनिंग देनी है जिनके लिए स्कूल में कोई भी काम नहीं है. साथ ही पूछा है कि अगर सभी अतिथि शिक्षक ड्यूटी जॉइन करने के लिए इच्छुक हो तो क्या उन सभी को सभी को जॉइनिंग देनी है, चाहे उनके लिए काम हो या ना हो और यदि पूरे माह उन्हें काम नहीं दिया जाता या थोड़ा बहुत काम दिया जाता है तो क्या उसके लिए वे पूरे वेतन के अधिकारी होंगे.
ज्वाइनिंग को लेकर भी कई सवालकुछ ऐसा ही सवाल एसएसए शिक्षकों की इंगेजमेंट को लेकर भी हैं. उनका कहना है कि समग्र शिक्षा अभियान के डीपीओ द्वारा एसएसए शिक्षकों को नियुक्ति दे दी गई है. ऐसे में क्या एचओएस एसएसए शिक्षकों के कॉन्ट्रैक्ट के रिन्यूएबल के बिना ही उनकी जॉइनिंग करा दें.
मिसलेनियस शिक्षकों को लेकर दिशा निर्देश मांगा
वहीं फिजिकल एजुकेशन, लाइब्रेरियन, म्यूजिक टीचर, ड्राइंग टीचर सहित सभी मिसलेनियस कैटेगरी के अतिथि शिक्षकों की जॉइनिंग को लेकर भी स्पष्टीकरण मांगा गया है. इसके अलावा यह भी पूछा गया है कि जो अतिथि शिक्षक लगातार स्कूल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं अगर उनका सीटेट एक्सपायर हो गया तो क्या उन्हें दोबारा जॉइनिंग देनी है या नहीं.
एसएमसी गठन प्रक्रिया में रही खामियां
वहीं दूसरा सबसे बड़ा मुद्दा है एसएमसी के पुनर्गठन का. प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल का कहना है कि ऑनलाइन मॉड्यूल से एसएमसी के गठन में कई खामियां रही हैं. उन्होंने कहा कि पूर्व एसएमसी सदस्यों के नाम मॉड्यूल में पहले से ही मौजूद थे. इसके अलावा स्कूल के बाहर के भी कई लोगों के नाम उसमें दिखाई दे रहे हैं .साथ ही कुछ इच्छुक अभिभावक तो आवेदन ही नहीं कर सके क्योंकि मॉड्यूल में कई तकनीकी खामियां आ गई थी. इस साथ ही कहा कि अभी तक कोई वेटिंग लिस्ट भी जारी नहीं हुई है. ऐसे में इस पूरी प्रक्रिया पर शिक्षा निदेशालय से संज्ञान लेने के लिए कहा गया है.
'समय पर नहीं दिया जाता कोई जवाब'
वहीं स्कूल की प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल ने शिक्षा निदेशालय के संज्ञान में यह बात भी लाई है कि जब भी हेड क्वार्टर से किसी तरह का सर्कुलर जारी किया जाता है तो उसमें कुछ मुद्दों के स्पष्टीकरण के लिए ईमेल के जरिए सवाल पूछे जाते हैं लेकिन संबंधित विभाग से कभी भी जवाब नहीं आता. ऐसे में उन्होंने शिक्षा निदेशालय से अपील की है कि वह इस तरह का निर्देश जारी करें कि यदि स्कूल की तरफ से कोई मेल किसी भी स्पष्टीकरण के लिए भेजा जाता है तो सीमित समय के अंदर और तत्काल प्रभाव से उसकी यथोचित जानकारी दी जाए.
वहीं सभी सरकारी स्कूलों के वाइस प्रिंसिपल और प्रिंसिपल ने शिक्षा निदेशालय से यह अपील की है कि इन सभी मुद्दों पर संज्ञान लेते हुए जल्द से जल्द यथोचित दिशा-निर्देश जारी किए जाएं जिससे वे उसी के अनुसार कार्य कर सकें.