नई दिल्ली:वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल एक बार फिर सुर्खियों में हैं. एक इंटरव्यू में कपिल सिब्बल ने कांग्रेस संगठन और उसके नेतृत्व पर सवाल खड़े किए थे. जिसके बाद दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने इसे लेकर कुछ ट्वीट किए. ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि जब कपिल सिब्बल को चांदनी चौक लोकसभा सीट से टिकट मिला था तो उन्हें चांदनी चौक में कोई नहीं जानता था.
'हम पर सवाल न उठाएं, अपने काम गिनाएं' कपिल सिब्बल की व्यथा पर जाहिर की चिंता: अनिल कुमार ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि मैंने कपिल सिब्बल पर सवाल नहीं उठाए हैं, लेकिन उनसे कुछ सवाल जरूर साझा किए हैं. मैं लगातार कपिल सिब्बल के इंटरव्यूज देख रहा हूं और जिस तरह से उनके मन में संगठन को लेकर व्यथा है मैंने उस पर चिंता जाहिर की है. वह लगातार कह रहे हैं कि संगठन मजबूत नहीं हो रहा. संगठन कैसे मजबूत होगा मैंने यह उनसे ही पूछा है.
'कितने कार्यकर्ता के सुख-दुख में शामिल हुए कपिल सिब्बल'
चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि 10 साल वह सांसद और मंत्री रहे. जब वह टिकट लेकर चांदनी चौक में आए तो यही संगठन था, जिसने उनको चुनाव जिताया था. चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र का एक-एक कार्यकर्ता ने घर-घर घूम कर उनके लिए वोट मांगा था. उसके बाद वह मंत्री बने और चुनाव हार गए. कोई बात नहीं चुनाव में हार जीत लगी रहती है लेकिन वह यह बताएं कि 2014 के बाद से आज तक संगठन को लेकर उन्होंने कितने प्रयास किए. कितने कार्यकर्ताओं के सुख दुख में वह शामिल हुए. कितने लोगों की समस्या को लेकर उन्होंने कोई लड़ाई लड़ी. वह इतने बड़े अधिवक्ता हैं. राजधानी दिल्ली में 48 हजार मकान टूटने का खतरा था. कम से कम वह पूर्व लोकसभा सदस्य के तौर पर उनकी समस्या सरकार के सामने रख सकते थे.
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'किसी कार्यकर्ता से नहीं मिलते कपिल सिब्बल'
चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि मैं पिछले 10 महीने से लगातार अपने पार्टी दफ्तर में बैठता हूं. लोगों की समस्याएं सुनता हूं. यहां तक कि रविवार को भी मैं पार्टी कार्यालय में मौजूद रहता हूं. सिर्फ पूर्व सांसद या विधायक ही नहीं बल्कि किसी भी जनप्रतिनिधि से कोई पूछ ले कि क्या कपिल सिब्बल ने कभी उन्हें मिलने के लिए समय दिया है या किसी कार्यकर्ता से मुलाकात की है. आज तक वह खुद किसी कार्यकर्ता से नहीं मिले और वह कहते हैं कि संगठन कमजोर है. संगठन इस तरह के बयानबाजी से कैसे मजबूत होगा.