नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो योगेश सिंह (Vice Chancellor of Delhi University Prof Yogesh Singh) ने कहा कि विद्यार्थी अपने अंदर लेने की बजाए देने की भावना पैदा करें, यही राष्ट्र और समाज की उन्नति का सही मार्ग है. कुलपति शनिवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के दूरस्थ एवं सतत शिक्षा विभाग, स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग की स्थापना के डायमंड जुबली वर्ष पर आयोजित ओरिएंटेशन कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे. उन्होंने अपने संबोधन में विद्यार्थियों को नौकरियां तलाशने वाले बनने की बजाए नौकरियां पैदा करने वाले बनने का आह्वान भी किया.
कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने एसओएल द्वारा इस वर्ष पहली बार एमबीए प्रोग्राम की शुरुआत को क्रांतिकारी कदम बताते हुए कहा कि आज का दौर टैक्नोलोजी और मैनेजमैंट का दौर है. इस दौर में प्रत्येक व्यक्ति को बदलती जरूरतों और बदलती तकनीक के अनुसार अपने विकास के लिए लगातार ज्ञान अर्जित करने की जरूरत है. ऐसे में डिस्टेन्स लर्निंग का महत्व और बढ़ रहा है.
उन्होंने विश्वास जताया कि विद्यार्थी इस प्रोग्राम से योग्य पेशेवर, सर्विस प्रोवाइडर, पॉलिसी मेकर, मैनेजर और उद्यमी स्थापित होंगे. कुलपति ने कहा कि इस वर्ष से डीयू एसओएल ने एमबीए सहित छह नए पेशेवर कोर्सों को लांच किया है. यूजी और पीजी के लिए शुरू किए जा रहे ये नए कोर्स रोजगार-उन्मुख और पेशेवर पाठ्यक्रम आधारित होंगे. 28 वर्ष बाद एसओएल पाठ्यक्रम में ये छह नए कोर्सों को शामिल किया गया है.