नई दिल्ली:राजधानी में सरकारी और निगम के स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक छात्रों का भविष्य संवारने का काम करने के साथ उन्हें अच्छी अच्छी बातों से अवगत कराते हैं. शिक्षक सिर्फ किताबी ज्ञान ही नहीं बल्कि, भविष्य की चुनौतियों के लिए खुद को कैसे तैयार करें ये भी सिखाते हैं. लेकिन अगर स्कूलों में शिक्षक के पद ही खाली रहेंगे तो छात्र ये सब कैसे सीख पाएंगे. दरअसल दिल्ली के सरकारी स्कूलों में जहां काफी संख्या में शिक्षकों के पद खाली हैं, वहीं दिल्ली नगर निगम के स्कूलों में भी शिक्षकों के पद खाली हैं. आइए जानते हैं इनकी संख्या.
प्रिसिपल के 509 पद खाली:दिल्लीनगर निगम के स्कूलों में प्रिंसिपल के लिए 1,532 पद स्वीकृत हैं. इनमें से 1,022 पदों पर लोग कार्यरत हैं, जबकि 509 प्रिंसिपल के पद खाली हैं. वहीं, टीचर (प्राइमरी) के कुल 21,823 पद स्वीकृत हैं. इनमें 19,783 शिक्षकों की जरूरत है और 17,100 प्राइमरी शिक्षक अभी कार्यरत हैं.
इसमें 2,683 पद खाली हैं. इसके अलावा टीचर (नर्सरी) के कुल 3,587 पद स्वीकृत हैं, जिनमें 3,408 की शिक्षकों की जरूरत है और 888 शिक्षक कार्यरत है. वहीं 2,521 शिक्षकों के पद खाली हैं और स्पेशल एजुकेटर (प्राइमरी) के कुल 1,532 पद स्वीकृत हैं. इनमें से 1,531 शिक्षकों की जरूरत है और 1,494 शिक्षक कार्यरत हैं. वहीं 37 शिक्षकों के पद खाली हैं.