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उर्दू उपन्यास 'अल्ला मियां का कारखाना' को बैंक ऑफ बड़ौदा की ओर से मिला 'साहित्य सम्मान पुरस्कार' - लेखक मोहसिन खान को साहित्य सम्मान पुरस्कार

दिल्ली में बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा आयोजित साहित्य सम्मान के तहत रविवार को एक कार्यक्रम में ‘अल्लाह मियां का कारखाना’ उपन्यास को 'बैंक ऑफ बड़ौदा राष्ट्रभाषा सम्मान 2023’ से नवाजा गया. लेखक मोहसिन खान और ​हिंदी अनुवादक को 21 लाख और 15 लाख की नकद राशि प्रदान की गई.

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Published : Jun 12, 2023, 2:27 PM IST

नई दिल्लीःभारत के प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में से एक बैंक ऑफ बड़ौदा ने रविवार को 'बैंक ऑफ बड़ौदा राष्ट्रभाषा सम्मान 2023’ के पहले वर्ष के विजेता की घोषणा की. उर्दू में लिखित उपन्यास 'अल्लाह मियां का कारखाना' के लेखक मोहसिन खान और हिदी अनुवादक सईद अहमद इस सम्मान के विजेता घोषित किए गए. इसके अलावा पांच उपन्यास- अभिप्रेत काल, चीनी कोठी, घर पालनो छेले, नदीष्ट और नेमत खाना ने इस वर्ष की प्रक्रिया में उप विजेता के पुरस्कार प्राप्त किए.

उर्दू में लिखित 'अल्लाह मियां का कारखाना' उपन्यास के विजेता लेखक मोहसिन खान और हिंदी अनुवादक सईद अहमद को बैंक ऑफ बड़ौदा राष्ट्रभाषा सम्मान और क्रमशः 21 लाख और 15 लाख रुपये की सम्मान राशि प्रदान की गई. अन्य पांच उप विजेता लेखकों और संबंधित हिंदी अनुवादकों प्रत्येक को क्रमशः 3 लाख और 2 लाख रुपये की सम्मान राशि से सम्मानित किया गया.

बैंक ऑफ बड़ौदा के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी संजीव चड्ढा ने कहा, “बैंक ऑफ बड़ौदा राष्ट्रभाषा सम्मान” 2023 के पहले वर्ष के विजेता मोहसिन खान और सईद अहमद और नामांकित अन्य शॉर्टलिस्ट कृतियों के लेखकों और अनुवादकों को मेरी हार्दिक बधाई. बैंक ऑफ बड़ौदा की विरासत महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ से मिली है, जिन्हें एक सुधारक के साथ-साथ साहित्य और कला का पारखी माना जाता है. इस विरासत को आगे बढ़ाते हुए बैंक ऑफ बड़ौदा ने देश के अलग-अलग हिस्सों से प्रतिभाशाली लेखकों को एक राष्ट्रीय मंच प्रदान करने के लिए “बैंक ऑफ़ बड़ौदा राष्ट्रभाषा सम्मान” की स्थापना की है. दिल्ली में सम्मान समारोह भारत के अमृतसर जिले के गुरु की वड़ाली के वडाली ब्रदर्स, सूफी गायकों और संगीतकारों द्वारा दी गई संगीत प्रस्तुति के साथ संपन्न हुई.

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पांच सदस्यीय पुरस्कार निर्णायक समिति की अध्यक्षता प्रसिद्ध लेखक और अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार विजेता गीतांजलि श्री ने की और उनके साथ निर्णायक समिति के अन्य सदस्यों प्रसिद्ध भारतीय कवि श्री अरुण कमल; शिक्षाविद्‌ एवं आहार आलोचक श्री पुष्पेश पंत; समकालीन भारतीय कवि और उपन्यासकार सुश्री अनामिका; और हिंदी कथा लेखक एवं अनुवादक प्रभात रंजन ने पुरस्कार के लिए निम्नलिखित 6 नामांकित पुस्तकों में से विजेता का चयन किया.

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