नई दिल्ली: भारतीय रेलवे लोगों को सुविधाओं को बढ़ाने पर जोर दे रही है. खासकर बुजुर्ग और बीमार लोगों के लिए. गंभीर बीमारी के वक्त लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी दूसरे जगह जाकर इलाज कराने में होती है. ऐसे में भारत सरकार ने रेलवे में कई छूट दिया है, लेकिन बहुत सारे लोग इसका फायदा नहीं उठा पाते हैं. क्योंकि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं होती है. आज हम आपको बताएंगे कि भारत सरकार की ओर से किन बीमारी के वक्त दिल्ली के किराए में कितने की छूट दी जाती है.
किन-किन बीमारी में कितनी छूट:दिल्ली एम्स, सफदरजंग और राम मनोहर लोहिया जैसे बड़े अस्पतालों में देशभर से लोग इलाज कराने आते हैं. बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ सहित देश के अलग-अलग राज्यों से बड़ी संख्या में कैंसर, टीवी, किडनी, हृदय रोग समेत कई बीमारियों का इलाज कराने लोग आते हैं. इलाज कराने के लिए आने वाले मरीज और उनके तीमारदार रेल की यात्रा लगभग हर रोज करते हैं. इसमें से बहुत कम ही लोग ऐसे हैं, जिनको यह पता होता है कि मरीज के इलाज के लिए आने जाने वालों के लिए रेलवे द्वारा किराए में काफी छूट दी जाती है. इलाज के लिए यात्रा करने वाले मरीज के साथ एक तीमारदार को भी किराए में छूट का प्रावधान भारतीय रेलवे ने किया है.
कैंसर, किडनी की बीमारी, हार्ट की बीमारी, थैलेसिमिया के मरीज, एड्स के मरीज, टीबी, नॉन इन्फेक्शस लेप्रोसी, हीमोफीलिया, सिकल सेल एनीमिया और अपलास्टिक एनीमिया की बीमारी के मरीजों को रेलवे की ओर से किराए में छूट दी जाती है. यह छूट फर्स्ट, सेकंड,थर्ड एसी, स्लीपर, चेयर कार और स्लीपर 1 और 2 में दी जाती है.
"मरीजों और उनके तीमारदार के लिए रेलवे में छूट का प्रावधान है. अगर किसी को छूट का लाभ लेना है तो उसको इलाज कर रहे डॉक्टर से किराए में छूट देने के लिए एक फॉर्मेट भर कर देना होगा. वो फॉर्म रेलवे कार्यालय में जमा करना होगा. तब छूट मिलेगी."