दिल्ली

delhi

ETV Bharat / state

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान के सीएम पर किया मानहानि का केस, सुनवाई सोमवार को

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ मानहानि का मुकदमा किया है. उनका आरोप है कि मुख्यमंत्री ने संजीवनी क्रेडिट सोसाइटी घोटाला में उनके शामिल होने को लेकर बयानबाजी की है. इससे उनकी छवि धूमिल हुई है.

Etv Bharat
Etv Bharat

By

Published : Mar 4, 2023, 9:29 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दाखिल करने के लिए राउज एवेन्यू कोर्ट में आवेदन दिया है. गजेंद्र सिंह शेखावत ने दावा किया है कि राजस्थान के सीएम ने संजीवनी क्रेडिट सोसाइटी घोटाले में उनकी संलिप्तता के संबंध में आपत्तिजनक बयान दिए. इस मामले में सुनवाई सोमवार को होगी.

बता दें संजीवनी घोटाले के मामले में 2019 में एफआईआर दर्ज की गई थी. शेखावत ने कहा कि पूरी एफआईआर में उनका कहीं भी नाम नहीं है. इसके साथ ही इस मामले की जांच पूरी हो चुकी है जांच राजस्थान पुलिस द्वारा की गई है लेकिन कहीं भी उनके नाम का जिक्र नहीं आया है इसके बावजूद राजस्थान के सीएम लगातार उनका नाम इस मामले में घसीट रहे हैं.

गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि अशोक गहलोत लगातार उनके खिलाफ अपमानजनक आरोप लगाते रहे हैं. इससे उनकी प्रतिष्ठा धूमिल हुई है. उन्होंने कहा कि गहलोत न केवल राज्यसभा बल्कि पब्लिक रैली में भी उन पर आरोप लगाकर उनके राजनीतिक कैरियर को प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं. शेखावत आज राउज एवेन्यू कोर्ट पहुंचे थे, जहां उनकी तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पेहवा पैरवी कर रहे थे. इस मामले में कोर्ट ने सुनवाई के लिए सोमवार 2:30 का समय नियत किया है. कोर्ट ने इस संबंध में कोई नोटिस जारी नहीं किया है.

ये भी पढे़ंः BJP ने सिसोदिया पर लगाया विक्टिम कार्ड खेलने का आरोप, कांग्रेस बोली- शराब मंत्री तीसरी बार बेल में फेल

क्या है संजीवनी घोटालाःसंजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी को राजस्थान सोसायटी एक्ट के तहत वर्ष 2008 में रजिस्टर्ड कराया गया था. इसके बाद इस सोसाइटी को वर्ष 2010 में मल्टी स्टेट को-ऑपरेटिव सोसाइटी के तौर पर नामित किया गया. इस सोसाइटी ने लोगों से निवेश कराया और निवेशकों को फर्जी रिकॉर्ड पोस्टर दिखाकर धोखे में रखा. जिन लोगों ने भी इस मामले में निवेश किया था, उन्हें उनका पैसा नहीं लौटाया गया. यह पूरा घोटाला करीब 900 करोड़ रुपए का बताया जाता है. जानकारी के अनुसार निवेशकों द्वारा मिले रुपए को अलग-अलग लोगों को लोन पर दिया गया और इस दौरान उनसे ब्याज भी नहीं वसूला गया.

ये भी पढे़ंः Teacher Training in Finland: ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड जा सकेंगे दिल्ली के शिक्षक, एलजी ने दी मंजूरी

ABOUT THE AUTHOR

...view details