नई दिल्ली: मोदी सरकार 2.0 के आखिरी और अमृतकाल के पहले बजट का व्यापारियों ने स्वागत किया है. भारतीय उद्योग व्यापार मंडल (बीयूवीएम) के महामंत्री हेमंत गुप्ता ने बताया कि कृषि, व्यापार-उद्योग और लघु उद्योग (रेहड़ी-पटरी) के लिहाज से मोदी सरकार का वर्ष 2023-24 का आम बजट अभूतपूर्व है. एमएसएमई के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन द्वारा महामारी से प्रभावित एमएसएमई को राहत देने का ऐलान किया है. इसके तहत वित्त मंत्री ने कहा कि संविदागत विवादों के निपटान के लिए स्वैच्छिक समाधान योजना लाई जाएगी.
एमएसएमई सेक्टर के लिए केंद्र सरकार 9000 करोड़ रुपये का आवंटन करेगी. बजट में 3 करोड़ तक के टर्नओवर वाले एमएसएमई को टैक्स मे छूट दी गई है. उन्होंने कहा कि इस बजट में देशभर के करीब 6 करोड़ छोटे कारोबारियों को बड़ा तोहफा दिया गया है. वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि देशभर के एमएसएमई को 2 लाख करोड़ रुपये का लोन दिया जाएगा. नई स्कीम के तहत यह लोन 1 फीसदी कम व्याज पर मिलेगा. बैंक आसानी से लोन दें, इसके लिए सरकार गारंटर के तौर पर काम करेगी. वित्त मंत्री ने एमएसएमई को बड़ी राहत देत हुए घोषणा की है कि जिन एमएसएमई का सालाना टर्नओवर 3 करोड़ तक है, उन्हें कर छूट दी जाएगी. इसके साथ ही 75 लाख कमाने वाले प्रोफेशनल को भी कर में छूट दी जाएगी.
टैक्स में छूट एक बड़ी राहत:गुप्ता ने कहा कि सरकार ने आयकर स्लैब मे बदलाव किये हैं, जो स्वागत योग्य है. मिडिल क्लास खासकर नौकरी-पेशा वालों के लिए सरकार ने बड़ी राहत देते हुए आयकर छूट में अभूतपूर्व बढ़ोतरी की है. इसके तहत सालाना 7 लाख रुपये तक आय वालों पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. सरकार ने बजट में गरीबों का भी खास ध्यान रखा है. गरीबों के लिए मुफ्त अनाज योजना को सरकार ने एक वर्ष तक के लिए बढ़ा दिया है. साथ ही कृषि क्षेत्र पर सरकार ने विशेष ध्यान दिया है. मोटे अनाजों के लिए बजट प्रावधान और कृषि ऋण लक्ष्य को 20 लाख करोड़ तक बढ़ाया जाना स्वागत योग्य है.
किसानों को फसल का उचित दाम दिलाना आवश्यक:भारतीय उद्योग व्यापार मंडल (बीयूवीएम) के महामंत्री हेमंत गुप्ता ने कहा कि बजट में सबकुछ ठीक है, लेकिन बजट से खाद्य तेल व्यापारियों और किसानों को विदेशों से आयातित खाद्य तेलों पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने की आशा थी. ऐसा सरकार ने नहीं किया जिस तरह बाहर से विदेशी तेल सस्ते रेट हो पर आकर बिक रहा है, उससे हमारे घरेलू उत्पाद पर बहुत फर्क पड़ता है. हमारे किसानों को उनकी फसल का उचित दाम नहीं मिल पाता. अगले माह हमारी सरसों की फसल आने वाली है जो कि अभी तक के अनुमान में सरसों की पैदावार बहुत अच्छी है, सरकार को खाद्य तेलों में आत्मनिर्भर बनाने के लिए किसान को प्रोत्साहित करने के लिए उसकी फसल का उचित दाम दिलाना आवश्यक है तभी हम आत्मनिर्भर हो सकेंगे.
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