नई दिल्ली: कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली दंगा का साजिश रचने के मामले में आरोपी उमर खालिद को 7 दिन की अंतरिम जमानत (Umar Khalid granted interim bail for 7 days) दी. उमर खालिद ने बहन के निकाह में शामिल होने के लिए अंतरिम जमानत की अर्जी लगाई थी. इस मामले में पुलिस ने विरोध करते हुए हलफनामा दाखिल किया था कि उमर खालिद को जमानत दिए जाने पर सामाजिक अशांति फैल सकती है.
उन्हें 23 से 30 दिसंबर तक एक सप्ताह की अवधि के लिए जमानत दी गई है. उन्हें 30 दिसंबर को सरेंडर करना है. वे 2020 के दिल्ली दंगों की बड़ी साजिश का आरोपी हैं.
इससे पहले दिल्ली पुलिस के सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) एलएम नेगी द्वारा दायर अपने हलफनामा में कहा था कि 28 दिसंबर को खालिद की बहन के निकाह से संबंधित तथ्यों का सत्यापन किया गया है. हालांकि, विवाह के तथ्य के सत्यापन के बावजूद अहम तथ्य यह है कि खालिद गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत बेहद गंभीर आरोपों का सामना कर रहा है. उसकी नियमित जमानत अर्जी अदालत द्वारा खारिज कर दी गई है और अपील याचिका भी दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है. पुलिस ने कहा कि खालिद की मां एक बुटीक चला रही हैं और पिता वेलफेयर पार्टी आफ इंडिया नामक एक राजनीतिक दल का नेतृत्व कर हैं और वे अपनी बेटी की शादी की व्यवस्था करने में सक्षम हैं.
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पुलिस ने यह भी कहा है कि अगर खालिद को अंतरिम जमानत दी गई तो वह इस दौरान इंटरनेट मीडिया के उपयोग से गलत सूचना फैला सकता है, जिससे समाज में अशांति पैदा होने की संभावना है. साथ ही वह गवाहों को भी प्रभावित कर सकता है. वहीं, खालिद ने कोर्ट को सुनवाई के दौरान ही आश्वासन दिया था कि वह केवल लोगों से मिलेगा और मीडिया से बात नहीं करेगा. कोर्ट इस मामले में आज अपना फैसला सुना सकता है.