नई दिल्ली:निजामुद्दीन इलाके में संपत्ति विवाद के चलते एक कारोबारी पर गोली चलाने वाले दो शूटरों को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है. आरोपियों की पहचान तरुण और हनी के रूप में की गई है. आरोपियों ने डेढ़ लाख रुपए की सुपारी लेकर कारोबारी पर हमला किया था. हालांकि इस घटना में गोली लगने के बावजूद कारोबारी की जान बच गई थी. पुलिस ने आरोपियों के पास से एक पिस्तौल, दो जिंदा कारतूस और चोरी की बाइक बरामद की है.
सुपारी लेकर गोली मारने वाले दो शूटर गिरफ्तार रिश्तेदार से था प्रॉपर्टी का विवादअतिरिक्त पुलिस आयुक्त शिबेश सिंह के अनुसार, 13 नवंबर को जंगपुरा निवासी जोगेंद्र सिंह दुकान बंद कर रहे थे. उसी समय दो बदमाशों ने धमकी देकर उन पर गोली चलाई थी. दरअसल उनका अपने रिश्तेदार कविंदर से प्रॉपर्टी को लेकर विवाद चल रहा था. बदमाशों ने उन्हें यह केस वापस लेने की धमकी दी. जब उन्होंने इसका विरोध किया तो बदमाशों ने गोली चला दी और वहां से फरार हो गए. हत्या के प्रयास का यह मामला निजामुद्दीन थाने में दर्ज किया गया था. इस मामले में राजू नामक शख्स ने हत्या की सुपारी ली थी. स्थानीय पुलिस ने उसे एक अन्य सहयोगी सहित गिरफ्तार किया था.
क्राइम ब्रांच ने पकड़े हमलावरइस वारदात को अंजाम देने वाले दोनों शूटर फरार चल रहे थे. क्राइम ब्रांच के डीसीपी भीष्म सिंह की देखरेख में एसटीएफ के एसीपी पंकज सिंह, इंस्पेक्टर सुनील तेवतिया और एसआई प्रियंका की टीम फरार चल रहे बदमाशों की तलाश कर रही थी. उन्होंने इस मामले में जानकारी हासिल की और आरोपियों की तलाश शुरू की. इस दौरान गुप्त सूचना पर पुलिस टीम ने कड़कड़डूमा स्थित सीबीडी ग्राउंड के पास से बाइक सवार दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. इनके पास से एक पिस्तौल, दो जिंदा कारतूस और बाइक बरामद हुई. इनके पास मौजूद दुपहिया पटेल नगर इलाके से चोरी किया गया था. इस बाबत आर्म्स एक्ट का मामला क्राइम ब्रांच में दर्ज किया गया है.
डेढ़ लाख रुपये में ली थी सुपारीआरोपी पंकज कुमार उर्फ तरुण मेरठ के मुल्तान नगर का रहने वाला है. वह पहले बागपत रोड पर सड़क किनारे खाने की स्टॉल लगाता था. इस दौरान वह सूरज से मिला और उसके जरिए वह हनी उर्फ चिंटू और राजू मीट वाला के संपर्क में आया. वह भोगल स्थित अपनी दुकान पर शराब पीते थे. राजू ने तरुण और हनी को डेढ़ लाख रुपए में हत्या की सुपारी दी थी. दोनों को पांच-पांच हजार रुपये एडवांस भी दिए गए थे. दूसरा आरोपी हनी बलजीत नगर का रहने वाला है. वह करोल बाग में नौकरी करता था. उसे रुपयों की सख्त जरूरत थी. इसलिए सूरज के जरिये वह तरुण और राजू से मिला. उनसे मिलने के बाद वह वारदात में शामिल हो गया.