दिल्ली

delhi

ETV Bharat / state

दिल्ली: दो वकीलों ने की खुदकुशी, बार काउंसिल और बार एसोसिएशन से मदद की मांग

दिल्ली में दो वकीलों ने खुदकुशी कर ली. कहा जा रहा है कि कोर्ट में सिर्फ वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई हो रही है. जिसकी वजह से काफी वकीलों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में बार काउंसिल और बार एसोसिएशन को मदद के लिए आगे आना चाहिए.

Lawyer Arun Gupta
वकील अरुण गुप्ता

By

Published : Jul 19, 2020, 8:55 PM IST

Updated : Aug 17, 2020, 8:07 PM IST

नई दिल्ली: कोरोना के संकट के दौरान दिल्ली में दो वकीलों ने आत्महत्या कर ली है. इस घटना से वकीलों के कल्याण के सवाल पर एक बार फिर बहस छिड़ गई है. वकीलों का कहना है कि कोरोना के इस संकट के दौरान दिल्ली बार काउंसिल और दिल्ली की निचली अदालतों के बार एसोसिएशन की भूमिका सही नहीं है. उन्हें वकीलों की सहायता करनी चाहिए.

कोरोना संकट के दौरान वकीलों की आत्महत्या दुर्भाग्यपूर्ण- अरुण गुप्ता

दो वकीलों ने की खुदकुशी

रोहिणी कोर्ट के वकील हरेश चंद्र अग्रवाल और दिल्ली हाईकोर्ट की वकील शिखा पांडेय ने खुदकुशी कर ली. दोनों वकीलों की आत्महत्या पर वकील बिरादरी में रोष है. दिल्ली हाईकोर्ट के वकील अरुण गुप्ता ने बार काउंसिल और बार एसोसिएशन पर अभिभावक की भूमिका से मुंह मोड़ने का आरोप लगाया है. दिल्ली बार काउंसिल और बार एसोसिएशन की इस कोरोना महामारी में युवा अधिवक्ताओं की मदद की पहल करनी चाहिए थी. उन्हें युवा वकीलों के लिए एक कॉल सेंटर स्थापित कर उनकी मदद करनी चाहिए थी.

एडवोकेट का वेलफेयर नहीं हो रहा है

वकील अरुण गुप्ता ने कहा कि दिल्ली बार काउंसिल और बार एसोसिएशन के बड़े-बड़े लॉ फर्म से संबंध होते हैं. उन लॉ फर्म से बार काउंसिल को ये कहना चाहिए कि इन युवा वकीलों को कम से कम कोरोना काल तक हायर करें और काम दें. ताकि इन्हें भूखमरी का शिकार न होना पड़े. उन्होंने कहा कि वकील जब कोर्ट में वकालतनामा दाखिल करते हैं तो वे एडवोकेट वेलफेयर का टिकट लगाते हैं. आखिर वह ये वेलफेयर टिकट किसलिए लगाते हैं, जब उसे कोई मदद ही नहीं मिले और उसे भूखमरी का शिकार होना पड़े.

मदद को आगे आएं बार काउंसिल

अरुण गुप्ता ने बताया कि कोरोना के दौरान कोर्ट में सुनवाई केवल काफी बड़े वकीलों और कुछ परिवारों के बीच सीमित हो गई है. इन दिनों कोर्ट वीडियो कांफ्रेंसिंग से चलाया जा रहा है. अगर आपको वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट में पेश होना है तो उसके लिए उपकरण का इंतजाम करना होगा. ये सब कुछ एक संपन्न वकील ही कर सकता है. ऐसे में अगर सरकार ने वकीलों से मुंह मोड़ा है तो बार काउंसिल और बार एसोसिएशन को आगे बढ़कर युवा वकीलों को मदद करना चाहिए, उन्हें ऋण मुहैया कराना चाहिए. तभी जाकर युवा वकील आत्महत्या की ओर मुंह नहीं मोड़ेंगे.

Last Updated : Aug 17, 2020, 8:07 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details