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जामिया के दो शोधकर्ता पीएमआरएफ के लिए चयनित, कुलपति ने दो बधाई

जामिया मिल्लिया इस्लामिया में नैनो टेक्नोलॉजी और नैनो साइंस की दो रिसर्च स्कॉलर पीएमआरएफ के लिए चुनी गई हैं. इन छात्राओं का चयन पीएमआरएफ की मई 2020 ड्राइव के लेटरल एंट्री श्रेणी के तहत किया गया है.

two jamia researchers selected for PMRF vice chancellor congratulates them
जामिया शोधकर्ता पीएमआरएफ

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Published : Nov 6, 2020, 10:54 PM IST

नई दिल्लीःजामिया मिल्लिया इस्लामिया इन दिनों अपनी उपलब्धियों को लेकर चर्चा में हैं. इसी कड़ी में जामिया के सेंटर फॉर नैनोसाइंस एंड नैनो टेक्नोलॉजी नैनो सीएनएन की दो रिसर्च स्कॉलर मारया खान और अबगीना साबिर को प्रतिष्ठित प्रधानमंत्री रिसर्च फैलोशिप (पीएमआरएफ) के लिए चुना गया है. बता दें कि इस योजना के तहत शोधकर्ताओं को 5 साल के शोध कार्य के लिए कुल 10 लाख रुपये मिलेंगे.

जामिया के दो शोधकर्ता पीएमआरएफ के लिए चयनित

इसको लेकर सेंटर फॉर नैनो साइंस एंड टेक्नोलॉजी के ऑफिशिएटिंग डायरेक्टर डॉ. औरंगजेब खुर्रम हाफिज ने बताया कि पीएमआरएफ के तहत दोनों शोधकर्ताओं को फेलोशिप के तौर पर पहले 2 साल के लिए 70 हजार रुपये, तीसरे साल के लिए 75 हजार रुपये और चौथे और पांचवें साल के लिए 80 हजार रुपये मिलेंगे. साथ ही हर साल 2 लाख रुपये अनुसंधान अनुदान के तौर पर भी मिलेंगे, जिसके तहत 5 साल के कुल 10 लाख रुपये इन शोधकर्ताओं को मिलेंगे.

जामिया कुलपति ने शोधकर्ताओं को दी बधाई

जामिया की कुलपति प्रोफेसर नजमा अख्तर ने इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर की और शोधकर्ताओं को बधाई दी. साथ ही कहा कि उन्हें उम्मीद है कि विश्वविद्यालय के अन्य छात्र भी इनसे प्रेरणा लेकर अनुसंधान के क्षेत्र में अच्छा करेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि जामिया लगातार इस तरह के मेहनती छात्रों को कामयाबी तक ले जाने के लिए हर संभव मदद देने के लिए तत्पर है और इन छात्रों को मिली उपलब्धि से अन्य शोधकर्ताओं का भी हौसला बढ़ेगा.

बता दें कि मारिया खान का शोध स्वास्थ्य निगरानी के लिए बहु क्रियाशील हाइब्रिड नैनोमीटर आधारित बायो सेंसर का है, जिसका मकसद मल्टीफंक्शन हाइब्रिड नैनो मेटेरियल्स को संश्लेषित करना है. जिससे बायोलॉजिकल सेंसिटिव इंस्ट्रूमेंट्स के विकास के लिए उनका इस्तेमाल किया जा सके.

वहीं जामिया के सीएनएन के प्रोफेसर एसएस की देखरेख में नैनो टेक्नोलॉजी में पीएचडी कर रही अबगीना शाबिर का शोध काम ली आयन बैट्री के लिए हाई परफॉर्मेंस एनोड के निर्माण पर आधारित होगा. इनके शोध का मुख्य उद्देश्य पारंपरिक बैटरियों की सीमाओं को तोड़कर एनोड सामग्री को सुस्पष्ट स्केलेबल तकनीकों का उपयोग कर उच्च विशिष्ट क्षमता वाली बैटरी बनाना है, जिससे उच्च ऊर्जा की मांग पूरी हो सके.

बता दें कि प्रधान मंत्री रिसर्च फैलोशिप (पीएमआरएफ) योजना भारत के उच्च शैक्षणिक संस्थानों में अनुसंधान की गुणवत्ता में सुधार के लिए बनाई गई थी. इस योजना की घोषणा बजट 2018-19 में की गई थी.

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