नई दिल्ली:लोन के बहाने NBFC के साथ ठगी करने वाले दो आरोपियों को आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने एक नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी से 4 करोड़ रुपए की ठगी की थी. वहीं कई अन्य फाइनेंस संस्थाओं से भी आरोपी लगभग 150 करोड़ की ठगी कर चुके थे. आर्थिक अपराध शाखा ने फिलहाल इनकी गिरफ्तारी से एनबीएफसी द्वारा दर्ज कराए गए मामले को सुलझा लिया है.
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संयुक्त आयुक्त ओपी मिश्रा के अनुसार क्लिक्स फाइनेंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में एडवांस कंप्यूटर एंड मोबाइल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से एक लोन का आवेदन दिया गया था. उन्होंने दुबई की एक कंपनी से मशीन खरीदने के लिए लोन मांगा था. उन्होंने 4 करोड़ रुपए का लोन मांगा जो कंपनी ने स्वीकार कर लिया. लेकिन इसके लिए 25 फीसदी रकम उन्हें खुद दुबई की कंपनी को पहले देने के लिए कहा गया. आरोपियों ने एक करोड़ रुपये उस कंपनी को एडवांस देकर इसकी रसीद फाइनेंस कंपनी को दिखाई. उन्होंने 4 करोड़ का लोन जारी कर दिया.
रुपये कंपनी को नहीं लौटाए
आरोपियों ने लोन की राशि मशीन सप्लाई करने वाली कंपनी को नहीं दी. उन्होंने इस राशि का दुरुपयोग किया और फाइनेंस कंपनी को रुपये वापस नहीं लौटाए. इसे लेकर जून 2020 में आर्थिक अपराध शाखा में मामला दर्ज किया गया था. छानबीन के दौरान पता चला कि आरोपियों ने जो एक करोड़ रुपए दुबई की कंपनी को दिए थे, वह भी वापस ले लिए थे. आगे छानबीन में पता चला कि उन्होंने अलग-अलग फाइनेंस संस्थानों से लगभग 150 करोड़ रुपए लोन ले रखा है और इस राशि को वह वापस नहीं दे रहे हैं. इस जानकारी पर छानबीन करते हुए इस्माइल मर्चेंट और अमरेंद्र शशीकांत को गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्होंने अदालत से अग्रिम जमानत ले ली थी.
ऐसे फर्जीवाड़े को देते थे अंजाम
आरोपी पहले अपनी कंपनी के लिए मशीन खरीदने की बात कह नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी में लोन का आवेदन देते थे. इस आवेदन पर वह वेंडर को कुछ राशि चुका देते थे ताकि लगे कि वह सामान खरीद रहे हैं. इसके बाद वह लोन ले लेते थे और उसका भुगतान नहीं करते थे. इस तरह की कई ठगी की घटनाएं आरोपी अंजाम दे चुके थे.