दिल्ली

delhi

क्रोनिक किडनी रोग का इलाज जानिए कैसे है संभव, डॉ. बीआरसी की नई किताब 'व्हेन क्योर इज क्राइम' का हुआ विमोचन

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 29, 2023, 2:24 PM IST

क्रोनिक किडनी रोग (सीकेडी) का इलाज अब उपलब्ध है, वो भी डायलिसिस या गुर्दा प्रत्यारोपण की दर्दनाक और महंगी प्रक्रियाओं से गुजरे बिना. ये कहना है डॉ. बिस्वरूप रॉय चौधरी. उन्होंने व्हेन क्योर इज क्राइम नाम की एक किताब लिखी है. जिसके विमोचन कार्यक्रम में उनके इलाज ठीक हुए मरीजों ने अपना अनुभव साझा किया.

Etv Bharat
Etv Bharat

डॉ. बीआरसी की नई किताब 'व्हेन क्योर इज क्राइम' का हुआ विमोचन

नई दिल्ली:डॉ. बिस्वरूप रॉय चौधरी (बीआरसी) ने नई दिल्ली के एलटीजी ऑडिटोरियम में अपनी नई पुस्तक 'व्हेन क्योर इज क्राइम' का विमोचन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि क्रोनिक किडनी रोग (सीकेडी) का इलाज अब उपलब्ध है, वो भी डायलिसिस या गुर्दा प्रत्यारोपण की दर्दनाक और महंगी प्रक्रियाओं से गुजरे बिना. इस कार्यक्रम में उनके द्वारा ठीक हुए किडनी रोग से ग्रसित कई मरीज भी वर्चुअल तौर पर शामिल हुए. उन्होंने डॉ. बीआरसी द्वारा विकसित ग्रैड सिस्टम की मदद से ठीक होने पर अपने सुखद अनुभव साझा किया.

'ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज एक्ट, 1954' को रद्द करने की मांग:मीडिया को संबोधित करते हुए, डॉ. बीआरसी ने कहा, “क्रांतिकारी ग्रैड सिस्टम के माध्यम से इलाज संभव है जिसने न केवल क्रोनिक किडनी डिसीज, बल्कि कैंसर, थैलेसीमिया, लिवर फेल्योर, डायबिटीज टाइप 1-2 और ब्रेन ट्यूमर जैसी असाध्य बीमारियों को भी उलटने में मदद की है. भारतीय चिकित्सा प्रणालियों को द ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज़ एक्ट, 1954 के तहत दबाया जा रहा है, जो कि द ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज़ एक्ट, 1940 का ही एक रूप है, जिसे ब्रिटिश शासकों द्वारा लाया गया था।"

उल्लेखनीय है कि लगभग 75% मरीज डायलिसिस पर निर्भरता से पूरी तरह मुक्त हुए हैं. इतिहास में ऐसा पहली बार है कि गुर्दा रोग के पुराने मरीज, विशेष रूप से डायलिसिस पर रहने वाले, भी अपनी बीमारी को उलट सकते हैं और डायलिसिस या प्रत्यारोपण के बिना सामान्य जीवन जी सकते हैं.

लाइलाज बीमारियों को ठीक करने का दावा: डॉ. बीआरसी ने 27 पुस्तकें लिखी है. उनका कहना है कि वो गुरुत्वाकर्षण, तापमान और आहार नियंत्रण लाइलाज बीमारियों को ठीक करने में सफल रहे हैं. उनके हिम्स हॉस्पिटल में ग्रैड सिस्टम, डिप डाइट, नेचुरोपैथी और आयुर्वेद की मदद से मरीजों को डायलिसिस, ट्रांसप्लांट, ब्लड ट्रांसफ्यूजन, डायबिटीज और हृदय रोगों से छुटकारा मिल रहा है.

डॉ. बीआरसी का दावा है कि ग्रैड सिस्टम, गर्म पानी में बैठने और डिप आहार प्रोटोकॉल को लागू करने से गुर्दे की बीमारी ठीक हो जाती है. पैक चंडीगढ़ से स्नातक और डायबिटीज में स्नातकोत्तर, बीआरसी को डायबिटीज और क्रोनिक किडनी रोगों में उनके उल्लेखनीय कार्य के लिए श्रीधर विश्वविद्यालय द्वारा मानद पीएच.डी. से सम्मानित किया गया.

विदेशों में ग्रैड सिस्टम पर प्रशिक्षण जल्द:'व्हेन क्योर इज क्राइम' पुस्तक में डॉ. बीआरसी ने अपने सफल मरीजों के प्रमाण प्रस्तुत किए हैं. साक्ष्यों में प्रत्येक मरीज का क्यूआर कोड शामिल है, जिन्हें स्कैन करके, किसी भी मरीज़ की ठीक होने से पहले और बाद की मेडिकल रिपोर्ट व मेडिकल वीडियो देखे जा सकते हैं. ग्रैड सिस्टम को मलेशिया की लिंकन यूनिवर्सिटी में पढ़ाया जा रहा है. मेडिकल छात्रों को ग्रैड सिस्टम पर प्रशिक्षण देने के लिए प्राइमा यूनिवर्सिटी, इंडोनेशिया के साथ भी एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए हैं और इसे वहां के अस्पतालों में भी लागू किया जाएगा.

कार्यक्रम को हिम्स ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के संस्थापक आचार्य मनीष, श्रीधर यूनिवर्सिटी के प्रो-वीसी डॉ. ओम प्रकाश गुप्ता और प्रसिद्ध वकील अश्विनी उपाध्याय ने भी संबोधित किया. आचार्य मनीष ने कहा, “इस तथ्य के बावजूद कि ग्रैड प्रणाली और भारतीय प्राकृतिक चिकित्सा प्रणालियां जीवन बचाने में बहुत प्रभावी हैं, सरकार इनकी अनदेखी कर रही है. इसके स्थान पर विदेशी चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा दिया जा रहा है. आयुष, आयुर्वेद सहित अन्य भारतीय चिकित्सा प्रणालियों को मेडिकल बजट का बमुश्किल 2% हिस्सा ही आवंटित किया जाता है

यह भी पढ़ें-World Heart Day: दिल्ली में हर साल औसतन 15 हजार से अधिक लोगों की मौत हार्ट अटैक सेः डॉ. प्रेम अग्रवाल

World Heart Day 2023: विश्व हृदय दिवस के मौके पर एचसीएमसीटी मणिपाल हॉस्पिटल में वॉकथॉन का आयोजन

ABOUT THE AUTHOR

...view details