नई दिल्ली: आपने ट्रेन, बस व चौराहों पर ट्रांसजेंडर्स को लोगों से पैसे मांगते हुए देखा होगा. लेकिन जल्द ही ये ट्रांसजेंडर्स दिल्ली की सड़कों पर कैब की स्टेयरिंग संभालते हुए दिखेंगे. ट्रांसजेंडर्स के साथ ही महिलाएं भी कैब चालक के रूप में नजर आएंगी. इस तरह वे न सिर्फ अपना परिवार चलाएंगी बल्कि दूसरों के लिए प्रेरणास्रोत भी बनेंगी. इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट टर्मिनल 3 से 15 नवंबर से इन स्पेशल कैब्स की शुरुआत होगी.
ट्रेन, बस या चौराहों पर लोगों से पैसे मांगते हुए ट्रांसजेंडर्स से यदि पूछा जाता है कि कुछ काम क्यों नहीं करते तो उनका सीधा सा जवाब होता है कि उन्हें कौन काम देगा ? ऐसे ट्रांसजेंडर्स को एक निजी कंपनी कैब चलाने का काम दे रही है. जिससे वे पैसा कमाकर अपना गुजर बसर कर सकेंगे. कंपनी की फाउंडर रूमन ने बताया कि उन्होंने अभी तक 70 ट्रांसजेंडर्स को कैब चलाने के लिए चुना है. आगे इनकी संख्या में और इजाफा किया जाएगा.
कैब की स्टेयरिंग संभाल महिलाएं भी होंगी सशक्त
ऐसी महिलाएं जो घर से बाहर निकाल कर कुछ करना चाहती हैं और अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती हैं. या फिर विधवा या आर्थिक तंगी से जूझ रही महिलाएं कैब चलाकर खुद को सशक्त बनाएंगी. इसके साथ ही वे दूसरों के लिए भी वह प्रेरणास्रोत बनेंगी. महिला कैब चालक हेमांशी ने कहा कि गाड़ी चलाना मेरा पैशन है. मैंने अपने पैशन को अपना प्रोफेशन बना लिया है. मैं दूसरी महिलाओं से भी यही कहना चाहती हूं कि वे अपने पैरों पर खड़ा होना सीखें.