दिल्ली

delhi

ETV Bharat / state

छात्रों में बढ़ रहे तनाव को दूर करने के लिए दिल्ली के सभी सरकारी स्कूलों में शुरू होगा ट्रेनिंग प्रोग्राम - remove increasing tension

दिल्ली के सभी सरकारी स्कूलों में छात्रों में बढ़ रहे तनाव को दूर करने के लिए (remove increasing tension) ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाया जाएगा. शिक्षा निदेशालय ने इस बारे में एक सर्कुलर जारी किया है.स्पार्क ऑफ लाइट्स एजुकेशन नाम की संस्था की ओर से ये ट्रेनिंग दी जाएगी.

शिक्षा निदेशालय ने जारी किया सर्कुलर
शिक्षा निदेशालय ने जारी किया सर्कुलर

By

Published : Dec 3, 2022, 4:37 PM IST

नई दिल्ली : पढ़ाई के बोझ और परीक्षा में बेहतर करने की चिंता में छात्र अधिक तनाव लेते हैं. जिसका असर उनके स्वास्थ्य पर पड़ता है. इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि एनसीआरबी के आंकड़े के अनुसार, मानसिक तनाव के चलते देश में हर साल हजारों छात्र आत्महत्या कर रहे हैं. भारत में दुनिया में सबसे ज्यादा आत्महत्याएं होती हैं. भारत में हर घंटे एक से अधिक छात्र आत्महत्या करते हैं. ऐसे में छात्रों को तनाव मुक्त करने के लिए दिल्ली के सभी सरकारी स्कूलों में ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन किया जाएगा (Training program will be started).

शिक्षा निदेशालय ने जारी किया सर्कुलर :इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में छात्रों को तनाव से खुद को कैसे दूर करें, क्या करें क्या न करें, इससे संबंधित बातें बताई जाएंगी. इस संबंध में दिल्ली के शिक्षा निदेशालय ने एक परिपत्र जारी किया है. निदेशालय ने अपने परिपत्र में कहा है कि स्पार्क ऑफ लाइट्स एजुकेशन के निदेशक और सह-संस्थापक से एक ईमेल प्राप्त हुआ है. छात्रों के कल्याण के लिए एक ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन किया जाएगा. यह प्रशिक्षण कार्यक्रम नि:शुल्क होगा. इस प्रकार, दिल्ली के एसओएसई और आरपीवीवी सरकारी स्कूलों के सभी एचओएस को स्पार्क ऑफ लाइट्स एजुकेशन को उनके स्कूलों में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने में सहयोग देने का निर्देश दिया जाता है.

ये भी पढ़ें :-अमेरिका में भारत के राजदूत ने सुंदर पिचाई को पद्म भूषण से किया सम्मानित

शिक्षा विभाग ने जारी की गाइडलाइंस : स्कूलों के संचालन को बाधित नहीं किया जाना चाहिए, शिक्षा निदेशालय एवं उसके छात्रों की ओर से संबंधित संस्था या किसी व्यक्ति को आर्थिक सहायता नहीं दी जाएगी. इसके अलावा डीओई की पूर्व स्वीकृति के बिना और भारत सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का पालन किए बिना परियोजना में कोई विदेशी फंडिंग शामिल नहीं होनी चाहिए. परियोजना की प्रक्रिया में छात्रों/अभिभावकों की गोपनीयता प्रभावित नहीं होनी चाहिए. सामग्री में किसी भी प्रकार का विज्ञापन नहीं दिखाया जाएगा, अर्थात नाम, चिन्ह, लोगो, प्रायोजन और सामग्री किसी भी सेलिब्रिटी की ओर से वितरित नहीं की जानी चाहिए. निदेशक (शिक्षा) की पूर्व लिखित अनुमति के साथ सोशल मीडिया पेजों पर छात्रों की छवि / चित्र / वीडियो को अपलोड नहीं किया जाएगा. संगठनों को यह सुनिश्चित करना होगा कि कार्यक्रम आयोजित करते समय कोई नुकसान न हो. सुनिश्चित करें कि कोविड-19 प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जा रहा है. छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए.


29 फीसद छात्रों में है एकाग्रता की कमी :एनसीईआरटी की ओर से 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में किए गए नवीनतम सर्वेक्षण के अनुसार 29 फीसद छात्रों में एकाग्रता की कमी है. कक्षा 6 से 12 के बीच में 45 फीसद से अधिक छात्र अपने शरीर की छवि से संतुष्ट नहीं हैं. सर्वेक्षण में शामिल 81 फीसद प्रतिभागियों ने चिंता के प्रमुख कारणों के रूप में अध्ययन, परीक्षा और परिणामों को जिम्मेदार ठहराया है. अब देखने वाली बात होगी कि सरकारी स्कूलों में शुरू होने वाले ट्रेनिंग प्रोग्राम से छात्रों को कितना लाभ होता है.


ये भी पढ़ें :-Delhi Weather : बर्फबारी से दिल्ली में बढ़ेगी ठंड, आज सामान्य रहेगा मौसम

ABOUT THE AUTHOR

...view details