नई दिल्ली: जी-20 समिट की तैयारियों के मद्देनजर राजधानी दिल्ली को सजाया संवारा जा रहा है. साथ ही यातायात व्यस्था को भी दुरुस्त किया जा रहा है. बॉटलनेक, अतिक्रमण और टूटी सड़कें तो जाम का कारण बन ही रही हैं, लेकिन अवैध पार्किंग भी जाम की समस्या को लगातार बढ़ा रही है. इसके कारण जाम बड़ी समस्या बनती जा रही है. दिल्ली के सभी बाजारों के पास पार्किंग की व्यवस्था ठीक न होने के कारण वाहन चालक मजबूरी में सड़क किनारे ही वाहन खड़े कर देते हैं, जिससे जाम की समस्या और भी बढ़ जाती है. इस समस्या को दूर करने के लिए यातायात पुलिस अवैध पार्किंग को लेकर अभियान भी चला रही है.
यातायात पुलिस के अनुसार, अभियान के तहत इस साल पहली जनवरी से 15 अप्रैल तक नियमों का उल्लंघन करने वाले 4,21,878 चालान किए गए. जबकि वर्ष 2022 में इस अवधि में करीब सवा दो लाख वाहनों के चालान किए गए थे. वर्ष 2021 में इसी अवधि में तीन लाख चालान किए गए थे. अवैध पार्किंग के सबसे ज्यादा मामले वसंत कुंज, प्रीत विहार, कालकाजी, खजूरी, हौजखास, महरौली, गांधी नगर, सिविल लाइंस और न्यू फ्रेंड्स कालोनी में होते हैं.
पुरानी दिल्ली में गंभीर समस्या :अवैध पार्किंग को लेकर यातायात पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई के अनुसार, पुरानी दिल्ली का कोतवाली सर्कल सबसे ज्यादा प्रभावित है. वर्ष 2021 से लेकर वर्ष 2023 में भी यहां पर सबसे ज्यादा अवैध पार्किंग के चालान किए गए हैं. काफी घनी बस्ती होने और पार्किंग की जगह उपलब्ध न होने के कारण लोग जहां-तहां अपनी गाड़ियां खड़ी कर देते हैं, जिससे जाम लगता है.