नई दिल्ली:भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार 19 मई को 2 हजार रुपये के नोट को चलन से वापस लेने का फैसला लिया. 23 मई से 2 हजार रुपये के नोटों को बैंक में जमा करने या बदलने के लिए कहा गया है. नोट बदलने की सुविधा, बैंक की शाखाओं के साथ आरबीआई के 19 क्षेत्रीय कार्यालयों में भी होगी और 30 सितंबर, 2023 तक ये नोट बदले जा सकेंगे. केंद्रीय बैंक के इस फैसले से व्यापार जगत में हलचल मच गई है और बाजार में कई तरह की चर्चाएं तेज हो गई हैं.
इसे लेकर मॉल रोड ट्रेडर्स एसोसिएशन, तिलक नगर के चेयरमैन राजीव सूरी ने बताया कि हम नकद रहित अर्थव्यवस्था की ओर जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसी आशंका थी कि 2 हजार रुपए का नोट कभी भी बंद हो सकता है, इसलिए हर व्यापारी पहले से इस बात के लिए तैयार था. उन्होंने बताया कि अब ज्यादातर लेन-देन डिजिटल माध्यम से होगा. आज मार्केट में 70 फीसदी सेल ऑनलाइन हो चुकी है, मात्र 30 फीसदी सेल ही नकद के माध्यम से होती है. उनका मानना है कि इसका से सबसे ज्यादा असर मिडिल क्लास रिटेल दुकानदारों के ऊपर पड़ेगा. उनका कहना है कि शुरुआत के कुछ समय तक तो मार्केट में अच्छी सेल होने की गुंजाइश है, लेकिन उसके बाद फिर से 2016 कि तरह मंदी का दौर आ सकता है.
राजीव में बताया कि बाजार में पहले से ही 2000 का नोट बहुत कम चलन में था. ऐसे मात्र एक-दो ही ग्राहक होते थे, जो 2 हजार रुपये का नोट लेकर आते थे. लेकिन अब जब नोट बंद कर दिया गया है, तो ऐसे कहा जा सकता है कि बाजार में फिर से 2 हजार रुपये के नोट आएंगे. अब सभी ग्राहक 2 हजार के नोट को या बैंक में जमा करवाएंगे या फिर उससे कुछ सामान खरीदेंगे. तिलक नगर मार्किट एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी विनोद कुमार ने कहा कि इस नोट बदली से मार्किट में सेल बढ़ने की उम्मीद है.