नई दिल्ली:भारत जैसे देश में रोजगार के मद्देनजर एग्रीकल्चर के बाद गुड्स एंड ट्रांसपोर्ट का क्षेत्र सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण क्षेत्र है. बड़ी संख्या में लोग ना सिर्फ क्षेत्र से जुड़े हुए हैं, बल्कि उनका जीवन यापन भी इस क्षेत्र के ऊपर निर्भर करता है. लेकिन बीता एक साल गुड्स एंड ट्रांसपोर्ट के क्षेत्र के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं रहा.
कोरोना वायरस के बाद लगे लॉकडाउन और अब वर्तमान हालातों में भी गुड्स ट्रांसपोर्ट का क्षेत्र दोबारा अपनी रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है. कोरोना के काल में जहां गुड्स एंड ट्रांसपोर्ट के क्षेत्र में महज 50 फीसदी ही कारोबार रह गया है. वहीं बड़ी संख्या में नौकरियां भी गई हैं.
ट्रांसपोर्ट के क्षेत्र में कितने खराब हुए हालात
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान व्यापारियों ने स्पष्ट तौर पर कहा कि बीते 1 साल में गुड्स एंड ट्रांसपोर्ट के क्षेत्र में हालात काफी ज्यादा खराब हुए हैं. बड़े स्तर पर नौकरियां गई हैं. जहां पहले एक जगह उदाहरण के तौर पर 10 लोग काम करते थे. वह संख्या घटकर अब चार से पांच रह गई है. जहां एक तरफ बेरोजगारी बढ़ी है, वहीं इस सेक्टर में मैन पावर की भी कमी देखी जा रही है. क्योंकि मजदूर जो ट्रक में लोडिंग अनलोडिंग का काम करते हैं, महामारी के चलते गांव वापस चले गए हैं. जिसकी वजह से व्यापारियों की समस्याएं बढ़ी है.
कितना है कोरोनावा यरस का डर
गुड्स एंड ट्रांसपोर्ट के क्षेत्र में व्यापारियों को हर रोज सैकड़ों लोगों से मिलना होता है.साथ ही साथ ट्रांसपोर्ट का माल ट्रक और लोरी से जाता है. अलग-अलग राज्यों में उन ड्राइवर्स को भी जगह-जगह रुककर अलग अलग जगह न सिर्फ खाना खाना पड़ता है. बल्कि वह रास्ते में कई प्रकार के लोगों भी संपर्क में आते हैं. ऐसे में अपनी सुरक्षा का ध्यान रखते सफर को पूरा करना और सामान पहुंचाना अपने आप में एक बड़ी चुनौती है.
तेल के बढ़े दामों ने बढ़ाई मुश्किलें
पिछले कुछ दिनों से जिस तरह से तेल की कीमतें लगातार बढ़ रही है.उसकी वजह से व्यापारियों की परेशानियां अपने चरम पर पहुंच गई है. तेल की कीमतें बढ़ने की वजह से हर चीज में महंगाई आ गई है. पहले से ही पिछले 1 साल से लगातार व्यापारियों को व्यापार में लगातार घाटा उठाना पड़ रहा है और अब बची कूची कसर लगातार बढ़ रहे तेल की कीमतों ने पूरी कर दी है.
व्यापारियों कर रहे परेशानियों का सामना
वर्तमान समय में गुड्स एंड ट्रांसपोर्ट के क्षेत्र में व्यापारियों को कई परेशानियों का एक साथ सामना करना पड़ रहा है. जिसमें पहली समस्या कोरोना की है.जिसकी वजह से व्यापार 50 फीसदी तक सीमित रह गया है. वहीं लेबर और मैन पावर की समस्या भी अब व्यापारियों को झेलनी पड़ रही है. साथ ही साथ तेल की लगातार बढ़ती कीमतों ने व्यापारियों के सर का दर्द बढ़ा दिया है. जिसकी वजह से महंगाई बढ़ गई है और व्यापारी ना तो अपना खर्चा निकाल पा रहे हैं ना ही लेबर को वेतन समय पर दे पा रहे हैं. साथ ही साथ दुकान का किराया निकालना भी एक चुनौती है.
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