नई दिल्लीः उत्तरी दिल्ली में 70 लाख से अधिक की आबादी को बिजली सप्लाई करने वाली अग्रणी पावर यूटिलिटी टाटा पावर डीडीएल ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पतंगबाजी के दौरान बिजली उपकरणों और ओवरहैड पावर लाइनों से सुरक्षित दूरी बनाए रखने की अपील की है. डिस्कॉम ने लोगों को आगाह किया है कि बिजली के तारों से मैटल कोटिंग वाले मांझे के लिपटने से बिजली सप्लाई बाधित हो सकती है और इसके कारण आवश्यक सेवाओं पर असर पड़ सकता है. इससे सभी के लिए असुविधा का कारण भी बन सकती है.
वहीं कंपनी का कहना है कि पतंग उड़ाने के लिए मैटल कोटिंग वाले मांझे का इस्तेमाल बिजली नेटवर्क के लिए ही खतनाक नहीं होता, बल्कि बिजली का सुचालक होने के चलते इससे पतंग उड़ा रहे व्यक्ति के लिए भी खतरा बढ़ जाता है और उसे करंट लग सकता है. स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में राजधानी में जगह-जगह पतंगें उड़ायी जाती है और जरा सी असावधानी होने पर बिजली सप्लाई में भी बाधा आती है.
एक अनुमान के मुताबिक, 33/66 KV क्षमता की एक ओवरहैड लाइन के बाधित होने से करीब 10,000 बाशिंदों की पावर सप्लाई पर असर पड़ सकता है और 11 KV की एक लाइन के टूटने से 2,500 से अधिक बाशिंदों की बिजली सप्लाई प्रभावित होती है. पतंगबाजी की वजह से बिजली की तारों को होने वाले नुकसान को ठीक करने के लिए 15 मिनट से 2 घंटे तक का औसत समय लगता है.
बता दें कि हर साल, स्वतंत्रता दिवस के आसपास पतंग उड़ाने की वजह से तारों के टूटने और बिजली सप्लाई पर असर पड़ने की अनेक घटनाएं सामने आती हैं. याद रखें कि बिजली के उपकरणों को नुकसान पहुंचाना और पावर सप्लाई बाधित करना विद्युत अधिनियम तथा दिल्ली पुलिस अधिनियम के तहत् दंडनीय अपराध भी है. गौरतलब है कि मैटल कोटिंग वाले मांझे के प्रयोग से इंसानों, पक्षियों तथा अन्यं जीव-जंतुओं के जीवन के लिए खतरा पैदा हो सकता है, यही कारण है कि सरकार द्वारा इसे 2017 में प्रतिबंधित किया जा चुका है.