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Toys For Kids: छुट्टियों में बच्चों को दें ऐसे खिलौने, जो उन्हें बनाए मेंटली स्ट्रॉन्ग

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Published : Jun 9, 2023, 10:19 PM IST

गर्मियों के शुरू होने के साथ बच्चों की छुट्टियां भी शुरू हो जाती हैं. ऐसे में वे घर पर टीवी और मोबाइल के बीच ही अपना ज्यादातर समय बिताते हैं. लेकिन क्या हो कि अगर उनका खिलौनों के माध्यम से मानसिक विकास भी हो. आइए जानते हैं इसके बारे में.

toy seller tells about toys
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खिलौनों के विक्रेता ने बताया किस तरह के खिलौने हैं मार्केट में उपलब्ध

नई दिल्ली: जून का महीना शुरू होते हुए सूरज ने अपने तेवर दिखना शुरू कर दिया है. वहीं भीषण गर्मी के चलते पेरेंट्स ने अपने छोटे बच्चों को घरों में कैद कर दिया है. बच्चों की गर्मियों की छुट्टियां अभी भी काफी बची हैं. ऐसे में घरों में कैद बच्चे दिनभर क्या करें? इसे लेकर आजकल हर परिवार में खूब चर्चा हो रही है. जिन परिवारों में बड़े बच्चे हैं, वह तो अपनी पढ़ाई और हॉलीडे होमवर्क को पूरा करने में जुट गए हैं. लेकिन जिन परिवारों में 3 से 8 साल के बच्चे हैं वो या तो दिनभर टीवी देखते हैं या मोबाइल. इससे बच्चे भले ही खुश हो जाते हों, लेकिन परिजनों की चिंता बढ़ जाती है. तो अगर आप भी इन सभी बातों लेकर चिंतित हैं तो आइए बताते हैं इसका एक बढ़िया उपाय.

इन छुट्टियों में बच्चों को घर में ही कुछ ऐसे खिलौने दिए जा सकते हैं, जो उनको मेंटली स्ट्रॉन्ग बनाएं. करीब 10 साल से बच्चों के खिलौने बेचने वाले अमनवीर ने बताया कि गर्मियों में पैरेंट्स अपने बच्चों को इंडोर एक्टिविटी टॉय दिला सकते हैं. इसमें ब्लॉक्स, लगोज, एक्शन गेम्स और जेंगा मुख्य रूप से ऐसे टॉय हैं, जिनको बच्चे रूम में बैड पर बैठकर आराम से खेल सकते हैं. आजकल वुडेन गेम्स भी काफी चलन में हैं, जो इंडोर गेम्स के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकते हैं. उन्होंने बताया कि एजुकेशन टॉयज में ब्लॉक्स, मैकेनिक गेम्स भी बच्चों को काफी पसंद आते हैं. इसमें ब्लॉक्स की मदद से अलग अलग तरह के शेप बनाए जा सकते हैं, जिससे बच्चे का मानसिक विकास होता है.

बच्चों को पसंद आते हैं भारतीय ब्रांड के खिलौने:कोरोना महामारी के दौरान चीनी उत्पादों के भारी विरोध ने खिलौने का बाजार पर भी काफी असर डाला है. अमन ने बताया कि पिछले चार सालों से बाजार में चाइना के खिलौने के मांग कम हो गई है. अब ज्यादातर ग्राहक भी बेहतरीन ब्रांड के खिलौनों को खरीदना ज्यादा पसंद करते हैं. इसको लेकर सरकार ने भी भारतीय कंपनियों को खिलौने बनाने के लिए काफी आर्थिक मदद की है.

जेंडर के हिसाब से मिलते हैं टॉयज:बाजार में इस तरह के कई टॉयज मौजूद हैं, जिनको जेंडर बेस्ड बनाया जाता है. अमन ने बताया कि जब पेरेंट्स खिलौने खरीदने आते हैं, तो वह सबसे पहले यही सवाल करते हैं कि उनके लड़की के लिए खिलौने चाहिए या लड़कों के लिए. लड़कियां ज्यादातर आर्ट एंड सॉफ्ट टॉयज के साथ पेंटिंग रिलेटेड टॉय पसंद करती हैं. जबकि, लड़कों को कार और ब्लॉक्स जैसे टॉयज अधिक पसंद आते हैं. इसलिए टॉय मेकिंग कंपनियों द्वारा भी जेंडर के हिसाब से टॉयज बनाए जाते हैं. जो टॉयज लड़कियों के लिए होते हैं उनकी पैकिंग और मटेरिल में पिंक, रेड और येलो कलर्स का इस्तेमाल होता है, जबकि लड़कों के खिलौनों में ब्लू, ग्रीन और ब्लैक रंगों का इस्तेमाल किया जाता है.

कब बिकते हैं सबसे ज्यादा खिलौने:खिलौने के विक्रेता ने बताया कि भारत में मुख्य रूप से दिवाली, होली सहित अन्य त्योहारों के समय खिलौनों की बिक्री में इजाफा होता है. वहीं न्यू ईयर, चिल्ड्रेन्स डे और बर्थडे के लिए भी लोग बच्चों को टॉयज गिफ्ट गिफ्ट किए जाते हैं, जिससे कि इनकी सेल बढ़ती है.

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द टॉय एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के प्रेसिडेंट अजय अग्रवाल ने बताया कि, पिछले तीन चार-साल में सरकार के सहयोग से भारत में टॉयज की मैन्युफैक्चरिंग में बढ़ोतरी हुई है. इसमें इलेक्ट्रॉनिक और वुडन टॉयज सबसे ज्यादा हैं. उन्होंने बताया कि गर्मियों में इंडोर गेम्स कि डिमांड ज्यादा होती है जैसे पजल व बोर्ड गेम्स. भारत में खिलौने बनाने वाली कई कंपनियां है, जो मार्केट की मांग के अनुसार खिलौने बनाती है.

उन्होंने बताया कि गर्मियों के अलावा क्रिसमस और फेस्टिवल के दौरान भी खिलौनों की डिमांड बढ़ जाती है. तो अगर आप भी चाहते हैं कि बाकि बची छुट्टियों को बच्चे घर पर ही एन्जॉय करें तो कुछ इंडोर टॉयज को घर ला सकते हैं. यह मार्केट में हर प्राइस रेंज में मौजूद हैं. इसके अलावा जेंडर के हिसाब से बच्चों के लिए भारतीय ब्रांड के खिलौनों की भरमार है.

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