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दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण के साथ धुंध की दस्तक, Red Zone में पहुँचा कई इलाक़ों का AQI - Delhi AQI in Red Zone

दिल्ली एनसीआर में जहरीले स्मॉग ने भी दस्तक दे दी है. शहर में ठंड की दस्तक के साथ एनसीआर में प्रदूषण का ग्राफ भी तेजी के साथ ऊपर बढ़ रहा है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक (Delhi's Air Quality Index) दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 227, गाज़ियाबाद का 242, नोएडा का 216 और ग्रेटर नोएडा का 204 दर्ज किया गया है.

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Published : Oct 20, 2022, 10:25 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण के साथ-साथ अब जहरीले स्मॉग ने भी दस्तक दे दी है. गुरुवार सुबह एनसीआर के कई इलाके स्मोग की चादर में लिपटे दिखाई दिए. ठंड की दस्तक के साथ एनसीआर में प्रदूषण का ग्राफ भी तेजी के साथ ऊपर बढ़ रहा है. एनसीआर के प्रदूषण स्तर में इजाफा देखने को मिला है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक (Delhi's Air Quality Index) दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 227, गाज़ियाबाद का 242, नोएडा का 216 और ग्रेटर नोएडा का 204 दर्ज किया गया है. फिलहाल दिल्ली एनसीआर का प्रदूषण स्तर खराब श्रेणी में है जबकि 100 से नीचे AQI को संतोषजनक और 50 से नीचे अच्छी श्रेणी में माना जाता है.

दिवाली से पहले प्रदूषण में हो रही वृद्धि बहुत ही खतरनाक संकेत के तौर पर देखी जा रही है. विशेषज्ञों की माने तो दिवाली के बाद दिल्ली एनसीआर के प्रदूषण में और बढ़ोतरी होने की आशंका है. बात अगर पिछले वर्षों की करें तो अक्टूबर के आखरी हफ्ते में दिल्ली एनसीआर गैस चैंबर में तब्दील होना शुरू हो जाता है. बुधवार को दिल्ली एनसीआर के कई इलाकों के प्रदूषण स्तर में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है. एनसीआर के कई इलाकों का प्रदूषण स्तर रेड और डार्क रेड जोन में पहुंच चुका है जो की सेहत के लिए बेहद खतरनाक है.

दिल्ली एनसीआर के प्रमुख इलाकों का प्रदुषण स्तर (AQI)

आनंद विहार, दिल्लीः 399

ITO, दिल्ली : 229

NSIT द्वारका, दिल्ली: 347

शादीपुर : 354

जहांगीरपुरी: 318

लोनी, गाज़ियाबाद: 304

इंदिरापुरम, गाज़ियाबाद: 256

सेक्टर 116, नोएडा: 283

सेक्टर 125, नोएडा: 225


एयर क्वालिटी इंडेक्स जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है.

विशेषज्ञों के मुताबिक हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक डायऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायआक्साइड सभी सांस की नली में सूजन, एलर्जी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं.


प्रदूषण बढ़ने पर बरते ये सावधानियां बरतें-

• बच्चे, बुजुर्ग और दमा रोगी सुबह और शाम को न टहलें.

• घर से मास्लगाकर ही बाहर निकलें.

• दमे के रोगी इन्हेलर का नियमित इस्तेमाल करें.

• दमे के रोगी दवा का नियमित सेवन करें.

• शाम को गर्म पानी का भाप लें.

• गले में खराश होने पर गुनगुने पानी से गरारा करें.

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