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G 20 Summit: हुमायूं के मकबरे की बढ़ेगी खूबसूरती, विदेशी मेहमानों को और आकर्षित करेगा - etvbharat delhi

दिल्ली में निजामुद्दीन औलिया की दरगाह के ठीक सामने हुमायूं का मकबरा है. जी 20 सम्मेलन को देखते हुए इस मकबरे की बढ़ेगी खूबसूरती, विदेशी मेहमानों के आकर्षण का केंद्र होगा. क्या है मकबरे का इतिहास, कब और क्यों होंगे संरक्षण के कार्य, पढ़िये ईटीवी भारत की रिपोर्ट..

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Published : Jun 3, 2023, 5:09 PM IST

Updated : Jun 3, 2023, 7:03 PM IST

हुमायूं के मकबरे की बढ़ेगी खूबसूरती

नई दिल्ली:निजामुद्दीन स्थित हजरत निजामुद्दीन औलिया दरगाह के ठीक सामने है हुमायूं का मकबरा. यह दिल्ली के लालकिला, कुतुबमीनार के बाद तीसरी ऐसी धरोहर है, जिसका दीदार करने के लिए रोजाना काफी संख्या में पर्यटक आते हैं. खास बात यह है कि हुमायूं का मकबरा दिल्ली की एकमात्र ऐसी धरोहर है, जहां सबसे अधिक विदेशी पर्यटकों की संख्या दर्ज की जाती है. रोजाना यहां 100 के करीब विदेशी पर्यटक आते ही हैं.

इस बार जी 20 सम्मेलन में भी यह विदेशी मेहमानों के आकर्षण का केंद्र होगा. इस पर चार चांद लगाने के लिए एएसआई की प्लानिंग है कि मकबरे को बेहद खूबसूरत रूप दिया जाए. इसके लिए एक माह की डेडलाइन रखी गई है. अगर काम पूरा नहीं होता है तो समय और लिया जाएगा, मगर इस धरोहर पर संरक्षण कार्य के अलावा इसे निखारने का काम भी खूबसूरती के साथ किया जाएगा. उम्मीद की जा रही है कि विदेशी मेहमान जब दिल्ली घूमने के लिए निकलेंगे तो वे इस धरोहर को देखने जरूर आयेंगे. हुमायूं के मकबरे में विदेशी मेहमानों के लिए कई कार्यक्रम आयोजित होंगे. इसमें खासतौर पर म्यूजिकल शो होगा. विदेशी मेहमानों को मकबरे का इतिहास भी बताया जाएगा.

दीवारों पर सीमेंट का इस्तेमाल नहीं होगाः
एएसआई के अधिकारियों के अनुसार, कोरोना महामारी के चलते हुमायूं के मकबरे के संरक्षण कार्य को बार-बार रोका गया. कभी मजदूरों की कमी तो कभी टेंडर पास न होने से कार्य बाधित हुआ. अब जी 20 जैसे बड़े सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा है भारत. इसकी शाम में कोई कमी न रह जाए, और पर्यटकों को सुविधा मिले, इसलिए मकबरे के बाहर मेन मथुरा रोड के समीप टिकट काउंटर बनाया गया है. यानी जो भी दर्शक यहां आयेगा, वह बाहर से ही टिकट लेकर आ सकता है. साथ ही ऑनलाइन मोड में भी टिकट लिया जा सकता है. उन्होंने बताया कि मकबरे के अंदर कई सालों से संरक्षण कार्य नहीं हुआ, जिसके चलते यहां बनाए गए म्यूजियम की दीवारों से प्लास्टर झड़ रहा है. इसे हटाने का काम शुरू कर दिया गया है.

वहीं, मकबरे के ऊपर गुम्बद को बरसात और प्रदूषण से काफी नुकसान पहुंचा है. जगह-जगह से नक्काशी खराब हो गई है. इसे ठीक करने के लिए विशेष तौर पर आगरा और जयपुर से कारीगर बुलाए गए हैं. एएसआई के अधिकारी के अनुसार, एलईडी लाइट को भी दुरुस्त किया जा रहा है. साथ ही पार्क को भी साफ किया जा रहा है. जगह-जगह नए सूचक बोर्ड लगाए जा रहे हैं. एक माह के बाद कार्य पूरा होने की संभावना है. वहीं, जहां-जहां नया प्लास्टर लगाया जाएगा, वहां सीमेंट का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा.

हुमायूं की तर्ज पर बना ताजमहलः
एएसआई के अधिकारियों के अनुसार, हमीदा बानो बेगम, जो हुमायूं की पत्नी थी के द्वारा करीब पंद्रहवी और 16 वीं शताब्दी में हुमायूं का मकबरा बनवाया गया. माना जाता है कि यहां पर विभिन्न काल की मुगल परिवार की 100 से अधिक कब्रें हैं. इनमे हुमायूं के परिवार की कब्रें शामिल हैं. हालांकि, कई कब्रें रखखाव न होने से क्षतिग्रस्त हो गई हैं. माना जाता है कि हुमायूं के मकबरे की तर्ज पर आगरा में ताजमहल बनाया गया.

हुमायूं का मकबरा
Last Updated : Jun 3, 2023, 7:03 PM IST

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