नई दिल्ली: प्रेग्नेंसी के नौ महीने महिलाओं के लिए बहुत खास और संवेदनशील होते हैं. इस समय शरीर में शिशु को जगह देने के लिए कई बदलाव आते हैं. गर्भावस्था में होने वाले बदलाव में महिलाओं को कई तरह की तकलीफ भी झेलनी पड़ती है. ऐसे में कुछ विशेष बातों का ध्यान रखने से गर्भवती महिलाएं गर्मियों को भी एन्जॉय कर सकती हैं.
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ तृप्ति शरण ने ईटीवी भारत को बताया कि गर्भवती महिलाओं को भीषण गर्मी में अपना ध्यान देना बहुत जरूरी है. केवल महिला को ही नहीं, बल्कि घर वालों का उसका विशेष ध्यान रखना चाहिए. जब एक गर्भवती महिला पानी पीती है तो उनके अंदर पलने वाले नवजात शिशु को जाने वाले ब्लड की मात्रा अच्छी होती है. गर्मियों में अत्यधिक पसीना आने से बॉडी में ब्लड वॉल्यूम कम हो जाता है, ऐसे में पानी पीना बहुत जरूरी है. डॉ. तृप्ति ने बताया कि गर्भवती महिला को दिनभर में औसतन 2 लीटर पानी पीना चाहिए. वहीं अगर गर्भ में पलने वाले बच्चे में कोई कमजोरी पता चलती है, तो महिला को और भी ज्यादा पानी पीना चाहिए.
वैसे तो बाजार में कई तरह के पेय मौजूद हैं, जिनका गर्भावस्था के दौरान सेवन किया जा सकता है. लेकिन बॉडी को हाइड्रेट रखने के लिए पानी से अच्छा विकल्प कुछ भी नहीं. साफ और अच्छे से उबला हुआ पानी सभी पेय पदार्थों के बेहतर है. डॉक्टर्स का मानना है कि एक गर्भवती महिला को मीठी चीजों से परहेज करना चाहिए, वरना उनके ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ सकती है. जिन महिलाओं को शुगर संबंधी समस्या नहीं है वह एक सीमित मात्रा में इसका सेवन कर सकती हैं.
इन पेय पदार्थों से रहें दूर: प्रेग्नेंसी में महिलाओं को आमतौर पर चाय और कॉफी से दूर रहने की सलाह दी जाती है. डॉ. तृप्ति ने बताया कि, प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को ऐसे किसी भी चीज का सेवन नहीं करना चाहिए जिसमें कैफीन हो, जैसे चाय और कॉफी. वहीं इस अवस्था में सॉफ्ट ड्रिंक्स को भी अवॉइड करना चाहिए, इनमें गैस की मात्रा ज्यादा होती है. इससे गर्भवती महिला के साथ बच्चे को भी नुकसान पहुंच सकता है.
गर्भवती महिलाएं अपनी बॉडी में वॉटर लेवल को मेंटेन रखने के लिए प्रेगनेंट महिलाएं नारियल पानी, लस्सी, छाछ, ताजे फलों का जूस पी सकती हैं. ये शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद करने के साथ, शरीर का तापमान भी नॉर्मल रखने में मदद करता है. डॉ. तृप्ति ने बताया कि फलों का जूस पीने से बेहतर फल खाना होता है. इससे बॉडी में किसी भी तरह के इन्फेक्शन होने की उम्मीद न के बराबर होती है. साथ ही बॉडी को फाइबर भी मिलता है.