नई दिल्ली:राजधानी मेंप्रदूषण की रोकथाम को लेकर दिल्ली ट्रैफिक पुलिस एक्टिव मोड में है. पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (पीयूसी) सर्टिफिकेट के बिना दिल्ली की सड़कों पर चलने वाले वाहनों का लगातार चालान किया जा रहा है. इस साल 15 अक्टूबर तक एक लाख 58 हजार 762 वाहनों के चालान काटे जा चुके हैं, जो बीते वर्ष की तुलना में 46 प्रतिशत अधिक हैं.
मोटरसाइकिल के चालान सबसे अधिक:दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने सबसे ज्यादा चालान मोटरसाइकिल के काटे हैं, जिसकी संख्या 69,190 है. अधिकारियों के मुताबिक दिल्ली में ऐसे मोटरसाइकिल की संख्या ज्यादा है, जिनका पीयूसी सर्टिफिकेट नहीं है. दिल्ली परिवहन विभाग के अनुसार 30 अगस्त तक दिल्ली में रजिस्टर्ड 23 लाख से अधिक वाहनों का पीयूसी सर्टिफिकेट एक्सपायर हो चुका था, जिसमें 18 लाख मोटरसाइकिल हैं. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के आंकड़ों को देखें तो सबसे अधिक चालान दरियागंज और सरिता विहार में काटे गए.
इतने जुर्माने का है प्रावधान: वाहन चालकों के पास पीयूसी सर्टिफिकेट की प्रति होना अनिवार्य है. एक वैध पीयूसी सर्टिफिकेट यह प्रमाणित करता है कि वाहन ने प्रदूषण नियंत्रण परीक्षण पास किया है. इस परीक्षण में निर्धारित सीमा के भीतर कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड और हाइड्रोकार्बन आदि जैसी गैसों का उत्सर्जन मापा जाता है. बिना वैध सर्टिफिकेट के वाहनों पर मोटर वाहन अधिनियम 1988 और 115 केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 की धारा 190 (2) के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है. साथ ही इसमें 10 हजार रुपये तक का जुर्माना और तीन महीने तक के लिए वाहन चालक के लाइसेंस का निलंबन भी किया जा सकता है.
दिल्ली में बिना पीयूसी सर्टिफिकेट के किस वर्ष कितने चालान काटे गए-
साल | चालानकी संख्या |
2019 | 81,246 |
2020 | 69,199 |
2021 | 1,04,369 |
2022 | 1,31,799 |