नई दिल्ली:करीब एक दशक पहले तक जिन गैंगस्टरों के खौफ से दिल्ली-एनसीआर में लोग डरे-सहमेरहते थे. आज यह गैंगस्टर तिहाड़ की अलग-अलग जेलों में बंद हैं. आए दिन पुलिस की बदमाश से मुठभेड़ या फिर कोर्ट में पेशी के दौरान गोलीबारी की घटनाएं होती है. इन घटनाओं में जेल में बंद गैंगस्टर के गुर्गे का ही हाथ होता है. वे अपने आका को संदेश देना चाहते हैं कि उनका दबदबा कायम है. ताकि जेल के भीतर अपना वर्चस्व बरकरार रख सकें.
20 से अधिक गैंगस्टर तिहाड़ जेल मेंबंद: तिहाड़ की तीनों जेलों में करीब 20 से अधिक गैंगस्टर बंद हैं. जिन गैंगस्टरों को पुलिस ने कैद कर रखा है, उनमें लॉरेंस बिश्नोई, टिल्लू ताजपुरिया, जितेंद्र मान उर्फ गोगी, हासिम बाबा, संपत नेहरा, नीरज बवानिया, नासिर, धेन्नु, अनिल भाटी, रवि गंगवार, रोहित चौधरी, राशिद केबल वाला, गोगी गैंग का खास अशोक प्रधान, रोहित मूई, प्रिंस तेवतिया, अमित गुलिया, काला जठेड़ी, मंजीत महाल, सत्येंद्र सिंह आदि शामिल है. जबकि गोगी गैंग का एक बदमाश दीपक बॉक्सर जो अभी जेल से बाहर की जिम्मेदारी संभाल रहा था. उसे पिछले दिनों दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल टीम ने मेक्सिको से गिरफ्तार किया है. अभी वह पुलिस की रिमांड में है. रिमांड खत्म होते ही उसे भी तिहाड़ जेल भेज दिया जाएगा.
गैंगस्टरों में वर्चस्व को लेकर लड़ाई:जेल में बंद इन गैंगस्टरों के चलते ही कई बार जेल के अंदर भी खूनी गैंगवार की आशंकाएं बन जाती है. उसे रोकने के लिए जेल प्रशासन ने एहतियातन कई कदम उठाया है. यह गैंगस्टर जिस सेल में बंद होते हैं, वहां पर सीसीटीवी से निगरानी रखी जाती है. हालांकि, इन गैंगस्टरों द्वारा जब कभी पानी की बोतल या अन्य चीजों से सीसीटीवी को ब्लॉक करने की कोशिश करते हैं, तो फिर जेल प्रशासन भी कुछ समय के लिए अनजान रहता है.
2021 में रोहिणी कोर्ट परिसर में टिल्लू गैंग के बदमाशों ने गैंगस्टर जितेंद्र मान उर्फ गोगी को गोली मार दी थी. जितेंद्र तिहाड़ जेल में ही बंद था, वहीं उस पर हमला करवाने का आरोपी टिल्लू मंडोली जेल में बंद है. जेल में बंद इन गैंगस्टरों में भी वर्चस्व की लड़ाई जारी रहती है. झड़प में जब यह जख्मी होते हैं तो इलाज के लिए उन्हें दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल ले जाया जाता है. तब इसकी जानकारी सार्वजनिक होती है.