नई दिल्लीःदिल्ली का ऐतिहासिक चांदनी चौक बाजार लजीज व्यंजनों का गढ़ है. चाहे वो पराठे हों या स्वादिष्ट दही भल्ले. ये सभी यहां आने वाले तमाम ग्राहकों व अन्य लोगों को अपनी ओर खींचता है. यहां टाउन हॉल के ठीक सामने पराठे के लिए मशहूर एक रेस्तरां है, जो आज भी रात एक बजे तक स्वादिष्ट पराठे परोसता है. पहले यहां राजनीतिक दरबार लगा करता था. जानकारी के अनुसार, यह रेस्तरां आजादी से भी पहले का है. स्वतंत्रता की लड़ाई के दौरान बहुत से क्रांतिकारी यहां चाय की चुस्कियों और पराठों के जायके के साथ महत्वपूर्ण रणनीतियां बनाते थे.
आज भी बरकरार है पुराना स्वाद: आशाराम पराठे वाले के नाम से चलाया जाने वाला यह रेस्तरां की देखरेख और संचालन, वर्तमान में चौथी पीढ़ी के हाथ में है. करीब 10 साल पहले यहां चाय मिलना बंद हो गई, लेकिन लोगों की मानें तो यहां के पराठों में आज भी वही पुराना स्वाद मिलता है. 50 वर्षों से दुकान पर काम करने वाले महावीर राणा 'ईटीवी भारत' को बताया कि उन्होंने अपना पूरा जीवन इस रेस्तरां के नाम कर दिया. यहां उन्होंने चाय बनाने से शुरुआत की थी और आज वे रेस्तरां के मैनेजर हैं. इन 50 वर्षों में कई तरह के बदलाव आए. पराठों के शौकीन लोगों की मांग पर पराठों के साथ चाय की जगह दही या रायता परोसा जाने लगा.
मक्खन से किया जाता है तैयार:उन्होंने बताया कि दुकान पर सबसे ज्यादा भीड़ रात के समय होती है. शाम सात बजे से लोगों का आना शुरू हो जाता है, जो रात 12-1 बजे तक चलता रहता है. शाम में यहां इतनी भीड़ होती है कि लोगों को अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है. दुकान पर आने वाले अधिकतर लोग चांदनी चौक के रहने वाले हैं, जबकि कुछ ग्राहकों दशकों से यहां आ रहे हैं. रेस्तरां में बनने वाले सभी पराठों को धीमी आंच पर मक्खन से पकाया जाता है, जिससे पराठों का जायका दोगुना हो जाता है. पिछले 80 वर्षों में यहां कई बावर्ची आकर चले गए, लेकिन यहां का जायका बरकरार है.
खींचे चले आते हैं लोग:वहीं, चांदनी चौक आरडब्यूए के प्रेसिडेंट पराग जैन ने बताया कि वह लगभग 35 वर्षों से ज्यादा समय से यहां आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि महंगाई बढ़ने से दाम में कुछ बढ़ोतरी हुई है, लेकिन पराठों के जायके में कोई बदलाव नहीं आया है. अब यह रेस्तरां पहली मंजिल पर है, लेकिन पहले यह टाउन हॉल के बिल्कुल सामने चौक पर सड़क किनारे हुआ करता था. इतने सालों बाद भी यह रेस्तरां हर रविवार को कई लोगों के नाश्ते का मुख्य अड्डा है. वहीं जो लोग चांदनी चौक से चले गए हैं, वो आज भी यहां से पराठे खाने आते है.