नई दिल्ली: सहारनपुर के 72 वर्षीय बुजुर्ग शिवयोग सिंह बीते एक महीने से गाजीपुर यूपी गेट के पास हाइवे पर ट्रॉली में रात गुजार रहे हैं. 28 नवंबर को किसानों का जो जत्था यूपी से गाजीपुर पहुंचा उनमें शिवयोग सिंह भी थे.
हालांकि यहां पर दिल्ली के लगातार गिरते तापमान से निबटने की पूरी तैयारी है, लेकिन बुजुर्ग हड्डियों के लिए वो शायद प्रयाप्त नहीं और यही कारण है कि शिवयोग सिंह लगातार नींद से समझौता कर रहे हैं.
समझौते के मूड में नहीं किसान
लेकिन नींद से इस समझौते के बावजूद, वे अपनी मांगों से समझौते के बिल्कुल मूड में नहीं हैं. आधी रात का समय होगा, जब शिवयोग सिंह ट्रॉली में लेटे हुए सड़क पर जाती गाडियों को निहार रहे थे.
ईटीवी भारत से बातचीत में बोले, नींद तो नहीं आती, कैसे भी रात काट लेते हैं, लेकिन यहां से जीतकर ही जाएंगे. जीतकर लौटने का यह जज्बा लखीमपुर खीरी से आए सुरेंद्रपाल सिंह का भी है.
लगाए गए हैं कैम्पिंग टेंट्स
सुरेन्द्र पाल सिंह बताते हैं कि ज्यादा ठंडी में नींद नहीं आती है और यहां घर जैसी सुविधा भी तो नहीं है, लेकिन हम डटे रहेंगे, जब तक मांगें नहीं मानी जातीं. शाहजहांपुर से आए किसान महताब सिंह ने बताया कि परिवार वालों ने हमें कहकर भेजा है कि जब तक मांगें पूरी न हों, लौटकर मत आना.