नई दिल्ली:राजधानी में यातायात के सुगमता के लिए सबसे बड़ा साधन डीटीसी और क्लस्टर बस है. सार्वजनिक यातायात का सबसे बड़ा साधन लापरवाह संचालन के चलते सड़कों पर लोगों की जान ले रहा है. पिछले 4 साल में डीटीसी और क्लस्टर बसों से कुल 721 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें कुल 172 लोगों की मौत हो गई. साल दर साल इन हादसों में लगातार वृद्धि हो रही है. ऐसे में बसों के रखरखाव और उनकी अनियंत्रित गति को लेकर सवाल उठ रहे हैं
दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, 2022 में केवल अक्टूबर तक डीटीसी बसों से 122 सड़क हादसे हुए. जबकि, क्लस्टर बसों से केवल अक्टूबर तक ही 94 सड़क हादसे हो चुके हैं. इन हादसों में कुल 44 लोगों ने अपनी जान गवाई है. पुलिस अधिकारी के अनुसार ज्यादातर सड़क हादसों में वाहनों का खराब रखरखाव और अनियंत्रित गति हादसों का कारण बनती है. हालांकि, यातायात पुलिस लगातार लेन में वाहन चलाने और गति सीमा में वाहन चलाए जाने को लेकर कार्यवाही करती है. साथ ही सड़क सुरक्षा अभियान जैसे जागरुकता कार्यक्रम चलाकर लोगों से यातायात नियमों का पालन करने की अपील की जाती है.
दिल्ली यातायात पुलिस के दक्षिणी रेंज के एसीपी जितेंद्र सिंह ने बताया कि डीटीसी और क्लस्टर बसों से होने वाले हादसों को लेकर के यातायात पुलिस भी लगातार काम कर रही है. यातायात सिपाही लगातार बसों को केवल बस लेन जहां निर्धारित की गई है, वहां चलाने को लेकर निगरानी करते हैं. यदि कोई गलत था या अपनी लेन में चलता हुआ नहीं दिखाई देता तो उस पर चालान किया जाता है.
क्या कहते हैं जिम्मेदार?