नई दिल्लीःजवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर में चोरी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इसी कड़ी में जेएनयू के पूर्व डीन ऑफ स्टूडेंट प्रोफेसर उमेश कदम के घर भी चोरी की कोशिश की गई. वहीं प्रोफेसर उमेश कदम ने जेएनयू सुरक्षा व्यवस्था पर केवल सवाल ही नहीं खड़े किए, बल्कि यह आरोप भी लगाया है कि जिस फैकल्टी के जेएनयू परिसर से बाहर जाने की आधिकारिक तौर पर जानकारी होती है, उसी के घर वारदात को अंजाम दिया जाता है. वहीं उन्होंने जेएनयू प्रशासन से मांग की है कि साइक्लोप्स सिक्योरिटी का ऑडिट किया जाए और सभी तथ्यों की पूरी जानकारी के बाद इस पर उचित कार्रवाई की जाए.
प्रोफेसर के घर चोरी की नाकाम कोशिश, सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
वहीं जेएनयू के पूर्व डीन ऑफ स्टूडेंट्स प्रोफेसर उमेश कदम ने जेएनयू परिसर में बढ़ रही चोरी की वारदात पर रोष व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि वह 1 जनवरी से 17 जनवरी तक कैंपस में मौजूद नहीं थे और इस बीच 11 जनवरी को उनके घर में भी चोरी की कोशिश की गई. उन्होंने कहा कि जितना नुकसान उनका चोरी से नहीं हुआ उससे ज्यादा नुकसान पुलिस और सुरक्षाकर्मियों के रवैया से हुआ है.
उन्होंने साइक्लोप्स सिक्योरिटी की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवालिया निशान लगाए हैं. साथ ही उनका कहना है कि अब तक जेएनयू में केवल उन्हीं लोगों के घर चोरी की वारदात को अंजाम दिया गया है जिन्होंने आधिकारिक तौर पर जेएनयू प्रशासन को खुद के कैंपस से बाहर जाने की जानकारी दी थी.
नई सुरक्षा एजेंसी के कार्यकाल में बढ़ी चोरी की वारदात
प्रोफेसर कदम ने कहा कि जिस सिक्योरिटी कंपनी को पहले जेएनयू की सुरक्षा का जिम्मा सौंपा गया था, उनमें सुरक्षा कर्मियों का वेतन मान कम था और सुरक्षा कहीं अधिक चौकस थी. वहीं इसके विपरीत साइक्लोप्स सिक्योरिटी के सुरक्षाकर्मियों का वेतन मान पहले के सुरक्षाकर्मियों से लगभग 2 गुना अधिक है, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था बिल्कुल दयनीय.