नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट आज दिल्ली हिंसा के मामले में जेल में बंद जामिया यूनिवर्सिटी के छात्र आसिफ इकबाल तान्हा की उसके बारे में सूचनाएं लीक करने की जांच करने वाली याचिका पर सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया था कि वो सूचनाएं लीक करने की विजिलेंस जांच रिपोर्ट दाखिल करे. मामले में जस्टिस मुक्ता गुप्ता की बेंच सुनवाई करेगी.
विजिलेंस जांच हो चुकी है पूरी
26 नवंबर 2020 को सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से वकील अमित महाजन ने कहा था कि सूचनाएं लीक करने की विजिलेंस जांच पूरी हो चुकी है. सुनवाई के दौरान आसिफ इकबाल तान्हा की ओर से वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा था कि सूचनाएं लीक कर संज्ञेय अपराध किया गया है और इसके खिलाफ जरुरी कार्रवाई की जानी चाहिए. उन्होंने कहा था कि जिस मीडिया संगठन ने तान्हा के बारे में सूचनाएं लीक कीं, उन्होंने प्रोग्राम कोड का उल्लंघन किया है.
फेसबुक और यूट्यूब का पक्षकारों की सूची से नाम हटाया गया
कोर्ट ने इस मामले में सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक और यूट्यूब का पक्षकारों की सूची से नाम हटा दिया. फेसबुक की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा था कि वे केवल एक मध्यवर्ती प्लेटफॉर्म हैं और उनका उस खबर से कोई लेना-देना नहीं है क्योंकि मीडिया संगठनों ने खबर को अपलोड किया. अगर कोर्ट उन खबरों को हटाने का आदेश देगी तो फेसबुक उसे हटा देगी.
मीडिया संगठन को सूचना का स्रोत बताने का आदेश दिया था
पिछले 19 अक्टूबर 2020 को कोर्ट ने एक मीडिया संगठन को सूचना का स्रोत बताने का निर्देश दिया था. उस मीडिया संगठन की ओर से वकील विजय अग्रवाल ने कहा कि उसे अपने स्रोत का खुलासा करने के लिए बाध्य नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि यह प्रेस की स्वतंत्रता के खिलाफ है. जहां स्रोत की रक्षा नहीं की गई, तो प्रेस की स्वतंत्रता का उल्लंघन होगा. तब कोर्ट ने कहा कि वो ये नहीं मानता कि किसी पत्रकार का ये अधिकार है कि वो केस डायरी निकालकर उसे खबर के रुप में चलाए.
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