नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में कोरोना (Corona ) की तीसरी लहर अस्पतालों के लिए बड़ी परेशानी का सबब बनती जा रही है. एक तरफ रोजाना ही बड़ी संख्या में कोरोना मरीज (Corona patient) अस्पतालों में दाखिल हो रहे हैं, जिनमें से अधिकांश की स्थिति गंभीर है तो वहीं परिजन भी मरीज को अस्पताल में दाखिल करा कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ले रहे हैं. देखभाल के नाम पर वे दिन में बस एक बार फोन कर लेते हैं.
तीमारदारों की बेरुखी बढ़ा रही कोरोना अस्पतालों की परेशानी
राजधाली दिल्ली में कोरोना की तीसरी लहर से जहां अस्पतालों के बेड भरने लगे हैं. वहीं मरीजों के तीमारदारों का रवैया भी अस्पताल कर्मियों को परेशान करने लगा है. इसे ठीक किया जाना बहुत जरूरी होता जा रहा है.
डॉक्टरों का कहना है कि अक्सर मरीज के इलाज के लिए उन्हें परिजनों के लिखित सहमति की जरूरत भी पड़ती है, लेकिन ऐसे समय में कोई भी परिजन उपलब्ध नहीं होता. यही नहीं मरीज की मृत्यु के बाद भी बड़ी संख्या में लोग शव लेने के लिए काफी देर से आ रहे हैं.
अस्पताल में तीमारदारों के लिए है खास व्यवस्था
राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के नोडल ऑफिसर डॉ. अजित जैन बताते हैं कि उनके अस्पताल में कोरोना मरीजों (Corona Patients) के परिजनों के लिए भी विशेष व्यवस्था की गई है. उनके लिए अलग से एक बड़ा हॉल रखा गया है, जो मरीजों के वार्ड से करीब 200 फीट दूर है. यहां सभी तरह की सुविधा भी उपलब्ध है.