नई दिल्ली:स्कूल से लेकर कॉलेज के शिक्षकों ने कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान अपनी जान गंवाई. महामारी के दौरान शिक्षकों ने छात्रों की पढ़ाई जारी रखी. इस दौरान राशन वितरण, एयरपोर्ट पर ड्यूटी भी की. इसके अलावा जब राजधानी में ऑक्सीजन का संकट आ खड़ा हुआ तो उस समय ऑक्सीजन प्रबंधन सहित कई कामों में भी जुट गए.
कोविड-19 की पहली और दूसरी लहर में शिक्षकों ने बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ अपने सामाजिक दायित्व को भी बखूबी निभाया. इस दौरान शिक्षकों ने बच्चों को पढ़ाने के लिए तकनीक को सीखा और उसका बेहतर प्रयोग करना शुरू किया. जिससे कि बच्चों की पढ़ाई बाधित ना हो उनकी पढ़ाई पहले की तरह ही सुचारू रूप से जारी रहे. वहीं कई शिक्षकों ने तो घर में ही व्हाइट बोर्ड लगाकर क्लासरूम बना दिया.
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बता दें कि दिल्ली शिक्षा निदेशालय के अंतर्गत आने वाले सरकारी स्कूल के शिक्षकों को एक सितंबर से स्कूल खुलने के बाद सरकार की ओर से एक दिशा निर्देश जारी किया गया, जिसमें कहा गया कि टीजीटी और पीजीटी शिक्षकों को अब रिलीव किया जाए उनकी जगह पर सिविल डिफेंस के जवानों को कोविड-19 की ड्यूटी में तैनात किया जाए. तब जाकर शिक्षकों ने कुछ कोविड-19 की ड्यूटी से राहत महसूस की है.