नई दिल्ली: दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर मणिपुर के भाजपा विधायक के लिए मदद मांगी है. भारतीय जनता पार्टी के मणिपुर से मौजूदा विधायक वुंगज़ांगिन वाल्टे पर राज्य में हाल ही में हुई जातीय हिंसा के दौरान क्रूर हमला किया गया था. 4 मई को जब इंफाल में भीड़ की हिंसा शुरू हुई तो लोग खुद को बचाने के लिए उनके घर में शरण लेने लगे. झड़पों से बेहद चिंतित और अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के लिए राहत की उम्मीद में वाल्टे मणिपुर के मुख्यमंत्री के घर गए और उनसे मुलाकात की. लौटते वक्त भीड़ ने उनकी कार को घेर लिया और उनको बाहर खींच लिया.
इस दौरान उनको काफी टार्चर किया गया, उनको करंट लगाया गया जबकि ड्राइवर को बेरहमी से पीटा गया. चोटों के कारण ड्राइवर की मौत हो गई. वाल्टे को दिल्ली लाया गया जहां वह कई हफ्तों तक वेंटिलेटर पर रहे और अब ठीक हो रहे हैं. हाल ही में उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई है और वह राजधानी में किराए के मकान में रह रहे हैं. हिंसा के इस कृत्य ने विधायक के जीवन पर गहरा प्रभाव डाला है, जिससे वह बिस्तर पर ही रहते हैं और एक तरफ से लकवाग्रस्त हो गए हैं. इलाज के दौरान उनके परिवार का खर्च एक करोड़ से भी अधिक हो गया है और अभी भी खर्च बढ़ रहा है.
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28 जुलाई 2023 को दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल, आयोग की सदस्य किरण नेगी और वंदना सिंह के साथ दिल्ली में श्री वुंगज़ैंगिन वाल्टे से मिलीं. विधायक और उनके परिवार का काफी बुरा हाल है. परिवार ने बताया कि हिंसक हमले के बाद लगभग तीन महीने तक विधायक की हालत गंभीर होने के बावजूद, भाजपा के किसी भी वरिष्ठ नेता ने आज तक उनसे मुलाकात नहीं की. और परिवार को उनकी जरूरत के सबसे बुरे समय में कोई वित्तीय सहायता नहीं प्रदान की गई.
स्वाति मालीवाल ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर परिवार के लिए मदद मांगी है. उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष से जल्द से जल्द विधायक वुंगज़ैंगिन वाल्टे से मिलने का अनुरोध किया है. इसके अलावा, उन्होंने उनसे विधायक के चिकित्सा उपचार के लिए पार्टी के फंड से वित्तीय सहायता देने का अनुरोध किया है.
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा, “यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि वाल्टे और उनका परिवार ऐसी दयनीय परिस्थितियों में हैं। वाल्टे को आज भी असहनीय दर्द सहना पड़ता है, फिर भी वह मणिपुर वापस जाकर अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों की सेवा करने का सपना देखते हैं। यहां तक कि जिस दिन उग्र भीड़ ने हमला किया, उस दिन भी वह अपने लोगों के लिए सहायता मांगने के लिए ही मुख्यमंत्री से मिलने गये थे। वह आसानी से अपने घर में बंद रह सकते थे, लेकिन उन्होंने खतरनाक स्थिति का डटकर मुकाबला करने का विकल्प चुना, उनके विचार दृढ़ता से अपने मतदाताओं की भलाई पर केंद्रित थे। मैं भाजपा अध्यक्ष जे.पी.नड्डा जी से विधायक से मिलने और उनके परिवार को हर संभव सहायता प्रदान करने का आग्रह करती हूं।"
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