नई दिल्ली:राजधानी दिल्ली समेत देशभर में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं. राष्ट्रीय राजधानी में पिछले दिनों 3 अलग-अलग जगहों पर महिलाओं की हत्या कर दी गई. वहीं, मणिपुर के वायरल वीडियो की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. सड़क से संसद तक माहौल गर्म है. मणिपुर हिंसा पर विपक्षी दल केंद्र सरकार को घेरने में लगी है. इधर, दिल्ली महिला आयोग की चेयरपर्सन स्वाति मालीवाल भी अपनी टीम के साथ मणिपुर दौरा करके लौटी हैं.
दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ हो रही आपराधिक घटनाओं पर महिला आयोग हमेशा से दिल्ली पुलिस पर सवाल उठाती रही है. निर्भया कांड के बाद देश में महिला सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा बना, लेकिन 10 साल बाद भी स्थिति जस की तस हैं. महिलाओं को सुरक्षित बनाने के लिए हेल्पलाइन और एंटी स्टॉकिंग सर्विस समेत कई कदम उठाए गए, लेकिन जमीन पर खास बदलाव नजर नहीं आया. इन तमाम बातों को लेकर आज गुरुवार को 'ETV भारत' की टीम ने DCW की चेयरपर्सन स्वाति मालीवाल के साथ खास बातचीत की.
सवाल: आप हाल में मणिपुर से लौटी हैं. इसे लेकर आपने राष्ट्रपति को पत्र भी लिखा है. आप उनसे क्या उम्मीद करती हैं और क्या मांग है?
जवाब: मणिपुर के हालत बहुत खराब हैं. सबसे पहले वहां प्रेसिडेंट रूल लगा देना चाहिए. साथ ही मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह का इस्तीफा ले लेना चाहिए. इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने कैबिनेट मिनिस्टर्स को मणिपुर भेजना चाहिए, ताकि भयावह स्थिति काबू में आ सकें. मणिपुर में जारी हिंसा और महिलाओं के खिलाफ यौन हमलों के कारणों का पता लगने के लिए विशेष जांच दल का गठन किया जाना चाहिए. इसकी निगरानी सुप्रीम कोर्ट के अनुभवी सेवानिवृत न्यायाधीश द्वारा की जानी चाहिए. मणिपुर में हिंसा के शिकार लोगों के लिए एक हेल्पलाइन नंबर तत्काल जारी होना चाहिए.
सवाल: दिल्ली में पिछले दिनों 3 अलग-अलग जगहों पर महिलाओं की हत्या हुई. इसकी रोकथाम कैसे की जा सकती है? निर्भया कांड के बाद दिल्ली महिला आयोग काफी सुर्खियों में रहा. सरकार द्वारा कई वादे किए गए, इसके बावजूद महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं. इसके पीछे क्या कारण लगता है?
जवाब:निर्भया कांड को 10 साल बीत चुके हैं. उस समय मैंने भी प्रोटेस्ट किया. पुलिस की लाठियां भी खाईं. उस समय की केंद्र और राज्य सरकार ने इस बात का दावा किया था कि अब निर्भया जैसा कांड दोबारा नहीं होने देंगे. लेकिन आज भी अख़बारों में बलात्कार की खबरें छप रही है. बस पीड़ित महिलाओं या लड़कियों के नाम बदल गए हैं. स्थिति जस की तस है. जबसे मैं DCW की अध्यक्ष बनी हूं, कई बार केंद्र सरकार से मांग की है कि दिल्ली पुलिस की जवाबदेही तय की जाए. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को दिल्ली पुलिस सीधे रिपोर्ट करती है. राजधानी में महिलाओं के खिलाफ हिंसक घटनाएं बढ़ रही है. लेकिन इसके रोक थाम के लिए एक भी बैठक नहीं की जाती है. महिला संबंधी हिंसक घटनाओं को रोकने के लिए हाई लेवल कमेटी का गठन किया जाए.
सवाल: हाई लेवल कमेटी में किसको शामिल किया जाना चाहिए ?