नई दिल्ली: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिग मामले में गिरफ्तार सुपरटेक कंपनी के मालिक आरके अरोड़ा को स्वास्थ्य के आधार पर 30 दिन की अंतरिम जमानत दे दी है. एडिशनल सेशंस जज देवेंदर कुमार जांगला ने अरोड़ा को एक लाख रुपये के निजी मुचलके और दो लाख रुपये के जमानती के आधार पर अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया.
अरोड़ा की ओर से पेश वकील तनवीर अहमद मीर ने कहा कि कि अरोड़ा की तबीयत खराब है और बीमारी की वजह से वह काफी कमजोर हो गए हैं. मीर ने कहा कि हिरासत के दौरान अरोड़ा का वजन 10 किलोग्राम कम हो गया है. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉक्टरों ने कहा है कि अरोड़ा के रीढ़ की हड्डी में तीन स्थानों पर समस्या है और उनकी सर्जरी करनी पड़ेगी. सर्जरी के लिए अस्पताल ने काफी लंबी डेट दी है.
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याचिका में कहा गया था कि जेल प्रशासन के कहने पर उन्हें राम मनोहर लोहिया अस्पताल चेकअप के लिए भेजा गया था. अस्पताल के डॉक्टरों ने चेकअप के बाद पाया कि आरके अरोड़ा के स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हो रहा है. याचिका में कहा गया था कि जेल के अंदर इलाज मुहैया कराया जा रहा है लेकिन उसकी तुलना किसी निजी अस्पताल से नहीं की जा सकती है. याचिका में आरके अरोड़ा ने तुरंत रिहा किए जाने की मांग की थी. याचिका में कहा गया था कि अगर अरोड़ा के इलाज के लिए रिहा नहीं किया गया तो उनका स्वास्थ्य और बिगड़ सकता है.
ईडी ने अरोड़ा को 27 जून को 2023 गिरफ्तार किया था. सुपरटेक समूह के खिलाफ दिल्ली, हरियाणा और उत्तरप्रदेश में कई एफआईआर दर्ज हैं. इसी आधार पर ईडी ने सुपरटेक समूह, उसके निदेशकों व प्रमोटरों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिग का केस दर्ज किया था. अप्रैल 2023 में ईडी ने सुपरटेक और उसके निदेशकों की 40 करोड़ से अधिक की संपत्तियां जब्त की थीं.
एफआईआर में अरोड़ा और सुपरटेक पर फ्लैट बुक कराने वालों से अग्रिम राशि लेकर धोखाधड़ी करने के आरोप हैं. ईडी के मुताबिक सुपरटेक और समूह की कंपनियों ने फ्लैट खरीदारों की राशि के आधार पर बैंक से कर्ज लिए और राशि का गबन कर लिया. दूसरी कंपनियों के नाम से जमीन खरीदी गई और उनके आधार पर भी बैंकों से कर्ज लिया. आरके अरोड़ा उसी कंपनी के मालिक हैं, जिसके नोएडा में बने ट्विन टावर को गिराने का आदेश दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस ट्विन टावर को 28 अगस्त 2022 को गिरा दिया गया था.
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