नई दिल्ली:राजधानी दिल्ली समेत देशभर में तापमान बढ़ने लगा है. तापमान जैसे-जैसे बढ़ता है, वैसे-वैसे आगजनी की घटनाओं में भी बढ़ोतरी होने लगती है. इस बार की गर्मियों में आग से निपटने के लिए दमकल विभाग कितना सक्षम है और उनकी क्या तैयारियां हैं, इसे लेकर ईटीवी भारत ने दमकल विभाग के चीफ फायर ऑफिसर अतुल गर्ग से बातचीत की.
गर्मियों में बढ़ जाती हैं घटनाएं
दमकल विभाग के चीफ फायर ऑफिसर अतुल गर्ग ने बताया कि गर्मियों में तापमान बढ़ने के साथ ही आगजनी की घटनाएं भी बढ़ने लगती हैं.
किसी भी वस्तु को जलने के लिए जो तापमान चाहिए वो गर्मी में उपलब्ध रहता है. मई से जून के बीच तापमान 42 से 45 डिग्री तक पहुंच जाता है. ऐसे में मामूली-सी चिंगारी भी बड़ी आग लगाने का काम करती है.
खासतौर से झुग्गी वाले इलाकों में आग लगने की यही वजह होती है. तेज गर्मी में मामूली से चिंगारी भी अगर किस झुग्गी के संपर्क में आती है तो वह तुरंत आग पकड़ लेती है. गर्मियों में सैकड़ों की संख्या में झुग्गियां जलकर खाक हो जाती हैं.
इन बातों का रखें ध्यान
आग लगने की दूसरी बड़ी वजह होती है एसी का सर्विस नहीं करवाना. बिना सर्विस के एसी चलाने से शार्ट सर्किट का खतरा बना रहता है. बीते फरवरी महीने में करोल बाग के अर्पित होटल में भी बिना सर्विस के एसी चलाने की वजह से आग लगी थी, जिसमें 17 लोगों की जान चली गई. आग लगने के तीसरी बड़ी वजह होती है, बिजली के लोड की जानकारी नहीं होना.
अतुल गर्ग ने बताया कि हमारे घर में बिजली का लोड लगातार बढ़ता जाता है, लेकिन हम ये जानने की कोशिश नहीं करते कि हमारे घर में लगी बिजली की तार इतना लोड उठा सकती है या नहीं.
गर्मी में तार पहले से गर्म होती है और अगर उस पर लोड ज्यादा पड़े तो वह तुरंत शार्ट-सर्किट से जल जाती है. इसलिए लोड की जांच अवश्य करवानी चाहिए.
सक्षम है दिल्ली दमकल सेवा
फायर चीफ ऑफिसर अतुल गर्ग ने बताया कि गर्मियों में आगजनी से निपटने के लिए दमकल विभाग पूरी तरह से सक्षम है. दिल्ली में कुल 68 फायर स्टेशन हैं जहां रोजाना 1200 से 1300 दमकल कर्मचारी तैनात रहते हैं.