नई दिल्ली: तनाव और इसके बाद आत्महत्या का प्रयास आज के युवाओं में बहुत हद तक बढ़ गया है. ऐसे में तनाव को कम करने के साथ जीवन कितना जरूरी है, इस उद्देश्य को समझाने के लिए दिल्ली के सरकारी स्कूलों में जीवन अनमोल नाम का पाठ छात्रों को पढ़ाया जाएगा. शिक्षा विभाग ने कहा कि आज की तेज रफ्तार में अक्सर हमारे जीवन में कुछ चीजें अवास्तविक बोझ डालती है और अक्सर विशेष रूप से किशोरों में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का कारण बनती है. इसके चलते छात्र आत्म-नुकसान और आत्मघाती व्यवहार का सहारा ले सकते है.
यह मानसिक अशांति को संभालने में असमर्थता का परिणाम है. इसलिए यह आवश्यक है कि इस मुद्दे को संवेदनशीलता और सावधानी के साथ संबोधित किया जाए, जिसमें मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं पर चर्चा करने, तनावों को प्रबंधित करने, सकारात्मक दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करने, उपलब्ध सहायता प्रणाली तक पहुंचने और यह बताते हुए कि जीवन अनमोल है पर चर्चा की जाए.
स्कूलों में चलाया जाए विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस
शिक्षा विभाग ने कहा कि हर साल 10 सितंबर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के रूप में मनाया जाता है. जीवन प्रकृति का अनमोल उपहार है और इसे हर कीमत पर संरक्षित किया जाना चाहिए. शिक्षा निदेशालय भी इस कड़ी में 'आत्महत्या रोकथाम सप्ताह' मना रहा है. यह सप्ताह 16 सितंबर तक चलेगा. इस संबंध में शिक्षा विभाग ने सभी सरकारी स्कूलों के लिए जरूरी दिशा निर्देश जारी कर दिया है.
विभिन्न गतिविधियों को किया जाएगा शामिल
सरकारी स्कूलों में शिक्षा विभाग इस आत्महत्या की घटनाओं को रोकने के लिए विभिन्न गतिविधियों की एक श्रृंखला को प्रोत्साहित कर रहे हैं, जो प्रकृति के अनमोल उपहार के साथ-साथ इसके अन्य वरदानों के रूप में जीवन के मूल्य को दर्शाएगा. इसके तहत नुक्कड़ नाटक, पेंटिंग प्रदर्शनी, सहित अन्य गतिविधि के माध्यम से समझाया जाएगा.