नई दिल्ली:दिल्ली के निजी स्कूलों में ईडब्ल्यूएस/डीजी/सीडब्ल्यूएसएन श्रेणी के तहत शैक्षणिक सत्र 2023-24 में नर्सरी, केजी और पहली क्लास में दाखिले के लिए चयनित छात्रों को अब अपने घर के नजदीक सरकारी स्कूल में दाखिला लेना् पड़ेगा. दरअसल, ऐसे स्टूडेंट्स का चयन होने के बाद भी निजी स्कूलों में दाखिला नहीं हुआ. ऐसे में पढ़ाई बाधित न हो, इन्हें सरकारी स्कूलों में पढ़ने के लिए जाना होगा. इसी कड़ी में शिक्षा विभाग ने सलाह दी है कि ऐसे छात्रों को नजदीक के सरकारी स्कूल में दाखिला दिया जाए. इस संबंध में डिप्टी डायरेक्टर ऑफ एजुकेशन (पीएसबी) बिमला कुमारी के द्वारा एक परिपत्र जारी किया गया है.
इस परिपत्र में कहा गया है कि आरटीई अधिनियम, 2009 में निर्धारित ईडब्ल्यूएस/डीजी/सीडब्ल्यूएसएन श्रेणी के प्रवेश और मुफ्त पात्रता से संबंधित शिकायतों के संबंध में 15 जून 2023 को एक बैठक बुलाई गई. इस बैठक में सभी ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि ड्रॉ के माध्यम से चयनित उन सभी सफल अभ्यर्थियों को, जिनका प्रवेश किसी कारणवश आवंटित विद्यालयों में नहीं हो सका है, उन्हें फिलहाल निकट के सरकारी विद्यालय में दिलवाने के लिए कहा गया है.
इसमें जिला के सभी डिप्टी डायरेक्टर को निर्देश दिया गया है कि ईडब्ल्यूएस/डीजी/सीडब्ल्यूएसएन श्रेणी के सभी छात्रों से संपर्क किया जाए, जिनका प्रवेश सत्र 2023-24 के लिए आवंटित निजी गैर-सहायता प्राप्त मान्यता प्राप्त स्कूलों में नहीं हो सका है. साथ में यह भी कहा गया कि डिप्टी डायरेक्टर यह सुनिश्चित करेंगे कि उनका दाखिला उनके अलॉट किए स्कूल में किया जाए.
अब दाखिला प्रोसेस को समझिएःदिल्ली के निजी स्कूलों में हर साल नर्सरी दाखिला के लिए आवेदन लिए जाते हैं. प्राइवेट स्कूलों में 75 फीसदी सीट सामान्य कैटेगरी के लिए होती है और 25 फीसदी सीट पर ईडब्ल्यूएस/डीजी/सीडब्ल्यूएसएन के विद्यार्थियों का एडमिशन होना होता है. यानी कि दिल्ली में जो बड़े-बड़े नामी स्कूल हैं, उन्हें अपने यहां 25 फीसदी सीट रिजर्व इस कैटेगरी के लिए रखना होता है. जब 75 फीसदी सामान्य सीटों पर दाखिला प्रोसेस पूरा हो जाता है, तब 25 फीसदी सीटों पर दाखिला के लिए आवेदन शुरू होते हैं. इस साल भी 2 लाख से ज्यादा आवेदन आए. इन आवेदन के बाद शिक्षा विभाग द्वारा कंप्यूटराइज्ड ड्रॉ 14 मार्च को निकाला गया. सभी चयनित छात्रों को एसएमएस के माध्यम से दाखिला सुनिश्चित करने के लिए कहा गया.
31 मार्च तक यह प्रोसेस पूरा होना था, लेकिन अप्रैल माह तक आते आते सिर्फ 25 हजार सीटों पर दाखिला हुआ. दिल्ली सरकार ने फिर एक विज्ञापन निकाला. जिसमें टोल फ्री नंबर जारी किया गया. इस विज्ञापन में बताया गया कि 6637 सीट अभी भी खाली हैं. इधर, बची हुई सीटों पर शिक्षा विभाग दूसरा, तीसरा, चौथा और पांचवा ड्रॉ निकालता रहा. लेकिन अभी भी सभी सीटों पर दाखिला पूरा नहीं हो पाया, क्योंकि कई निजी स्कूल दाखिला देने में आनाकानी कर रहे हैं.