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छात्र बोले- कंप्यूटर, हाई स्पीड इंटरनेट और सिंगल कमरा नहीं है हमारे पास

दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया ने ऑड सेमेस्टर परीक्षा ऑनलाइन प्रॉक्टर्ड मोड से आयोजित करने की अधिकारी घोषणा कर दी है. जिसके बाद छात्र इसका विरोध कर रहे हैं. वहीं महबूबा मुफ्ती ने छात्रों के समर्थन में ट्वीट करते हुए अपनी बात रखी है.

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जामिया प्रॉक्टर्ड एग्जाम के फैसले का छात्रों ने किया विरोध

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Published : Dec 11, 2020, 7:33 PM IST

Updated : Dec 11, 2020, 8:16 PM IST

नई दिल्लीःजामिया मिल्लिया इस्लामिया में 21 दिसंबर से प्रॉक्टर्ड मेथड से छात्रों का एग्जाम होगा. इसको लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से गाइडलाइंस जारी कर दी गई. विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा जारी की गई गाइडलाइंस के विरोध में छात्र प्रदर्शन पर उतर आए. प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि जिस तरीके से विश्वविद्यालय प्रशासन ने गाइडलाइन जारी की है. वह पूरी तरीके से छात्र विरोधी है.

जामिया प्रॉक्टर्ड एग्जाम के फैसले का छात्रों ने किया विरोध

वहीं प्रदर्शनकारी छात्रों ने कहा कि हर छात्र के पास कंप्यूटर नहीं है और ना ही हाई स्पीड इंटरनेट है. इसके अलावा प्रदर्शनकारी छात्रों ने कहा कि जम्मू कश्मीर से आने वाले छात्रों के पास तो अभी भी ठीक से 2G नेट भी नहीं है. वहीं प्रदर्शनकारी छात्रों ने प्रशासन से अपने इस फैसले को तत्काल वापस लेने की मांग की है. वहीं महबूबा मुफ्ती ने छात्रों के समर्थन में ट्वीट करते हुए अपनी बात रखी है.

छात्रों ने ऑनलाइन प्रॉक्टर्ड परीक्षा का किया विरोध

वहीं ऑनलाइन प्रॉक्टर्ड एग्जाम का छात्रों ने कुलपति कार्यालय के बाहर विरोध किया है. प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि जामिया में देश के हर राज्य से छात्र पढ़ने के लिए आते हैं और कई जगह पर इंटरनेट की सुविधा मौजूद नहीं है. कनेक्टिविटी समस्या होने से छात्रों को ऑनलाइन प्रॉक्टर्ड एग्जाम के दौरान खासी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. इसके अलावा एक प्रदर्शनकारी छात्र ने कहा कि जामिया में जो छात्र जम्मू कश्मीर से पढ़ने के लिए आते हैं उनके लिए तो और भी परेशानी है, क्योंकि अभी वहां तो अभी 2जी इंटरनेट भी सही से नहीं चल रहा है.

हर छात्र के पास नहीं है कंप्यूटर-लैपटॉप

प्रदर्शनकारी छात्रों ने कहा कि सभी छात्रों के पास कंप्यूटर-लैपटॉप और स्मार्टफोन सब एक साथ मौजूद नहीं है. प्रदर्शनकारी छात्रों ने कहा ऐसे में परीक्षा दे पाना असंभव ही नजर आ रहा है. इसके अलावा छात्रों ने कहा कि प्रशासन को इस तरह का फैसला लेने से पहले छात्रों के बारे में भी सोचना चाहिए था, क्योंकि जामिया में पढ़ने के लिए केवल दिल्ली ही नहीं देश के अलग-अलग राज्यों और अलग-अलग वर्ग से छात्र पढ़ने के लिए आते हैं.

वहीं प्रदर्शनकारी छात्रों ने कहा कि अगर जामिया सही मायने में प्रॉक्टर्ड एग्जाम आयोजित कराना चाहता है, तो सभी छात्र को लैपटॉप, हाई स्पीड इंटरनेट और वह सभी सामग्री मुहैया करा दे, जो वह गाइडलाइन में कह रहा है. फिर कोई भी छात्र प्रशासन के इस फैसले का विरोध नहीं करेगा.

सभी के पास नहीं है सिंगल कमरा

वहीं प्रदर्शनकारी छात्रों ने कहा कि सभी के पास परीक्षा के देने के लिए सिंगल रूम नहीं है. ऐसे में उन छात्रों का क्या होगा जो रूम रेंट या जिनके पास सिंगल रूम नहीं है, जहां पर वह जाकर परीक्षा दे सकें. बता दें कि प्रशासन ने जो नोटिफिकेशन निकाला है, उसमें कहा है कि छात्र को उस कमरे में बैठना होगा जहां पर कोई और मौजूद है ना हो. अगर कमरे के अंदर कोई और मौजूद रहा तो परीक्षा रद्द कर दी जाएगी. वहीं छात्रों ने कहा कि प्रशासन को यह फैसला करने से पहले छात्र के बारे में भी सोचना चाहिए था.

यह भी पढ़ेंः-जामिया प्रॉक्टर्ड एग्जाम को लेकर जारी हुई गाइडलाइन, कंप्यूटर या लैपटॉप अनिवार्य

'छात्र परीक्षा देने से नहीं भाग रहे हैं'

प्रदर्शनकारी छात्रों ने कहा कि जामिया प्रशासन को छात्रों की समस्याओं को भी संज्ञान में लेने की जरूरत है. इन परेशानियों का हवाला देते हुए छात्रों ने मांग की है कि परीक्षा का कोई अन्य विकल्प निकाला जाए. इसके अलावा प्रदर्शनकारी छात्रों ने कहा कि परीक्षा असाइनमेंट आधारित ही हो या जिस तरह से दिल्ली विश्वविद्यालय में परीक्षा आयोजित की जा रही है, वैसे ही जामिया के छात्रों की परीक्षा हो. साथ ही कहा कि कोई छात्र परीक्षा देने से नहीं भाग रहा है, लेकिन हर किसी के पास संसाधन नहीं है.

Last Updated : Dec 11, 2020, 8:16 PM IST

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