नई दिल्ली : भारत जी 20 सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा है. राजधानी में इसे लेकर अगले साल कई कार्यक्रम होने वाले हैं. इसे लेकर तैयारियां चल रही हैं. अब जी 20 के महत्व को छात्रों को समझाया जाएगा . इसे लेकर दिल्ली के शिक्षा विभाग ने एक परिपत्र जारी किया है. शिक्षा विभाग ने परिपत्र में कहा है कि उन्हें भारत सरकार के शिक्षा विभाग की ओर से बीते दिनों एक पत्र मिला है. जिसमें कहा गया है कि छात्रों में जी 20 सम्मेलन की जानकारी पहुंचाई जाए. इस संबंध में शिक्षा विभाग ने सभी सरकारी स्कूलों के प्रमुखों को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने स्कूल में छात्रों को जी 20 के बारे में विस्तार से जानकारी दें.
स्कूलों में मनाया जाएगा जी20 दिवस : अगले माह से डीओई के स्कूलों में एक समर्पित जी 20 दिवस मनाया जाएगा. जिसमें बच्चों से इसके महत्व पर चर्चा की जाएगी. केंद्र सरकार इसकी जानकारी बड़ों के साथ-साथ बच्चों तक पहुंचाना चाहती है. इसके लिए शिक्षा निदेशालय (DOE) ने शिक्षा मंत्रालय के आदेश पर नोटिफिकेशन जारी कर सभी स्कूल को आदेश दिया है कि G20 सम्मेलन से जुड़ी हर जानकारी बच्चो को दी जाए. इस पहल से छात्रों का ज्ञान बढ़ेगा.
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स्कूलों में छात्र इन बातों को समझेंगे : स्कूलों में छात्रों को बताया जाएगा कि G 20 की अध्यक्षता भारत के ‘अमृतकाल' की शुरुआत का प्रतीक है. यह 'अमृतकाल' देश की आजादी के 75 वीं वर्षगांठ से शुरू होकर आजादी के सौवें वर्ष तक की 25 साल की अवधि है. भारत की G 20 अध्यक्षता का विषय ( थीम ) ' वसुधैव कुटुंबकम् ' यानी ' एक पृथ्वी - एक कुटुम्ब एक भविष्य ' है , जो कि महा उपनिषद से लिया गया है. G 20 समूह, 19 देशों और यूरोपियन यूनियन से मिलकर बना है. इसमें सम्मिलित 19 देश,अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्किये, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका हैं.
दुनिया के दो तिहाई देशों का प्रतिनिधित्व करता है G20 : G20 के सदस्य देश दुनिया की दो - तिहाई जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं. G20 ऐसे देशों का समूह है जिनका आर्थिक सामर्थ्य विश्व की 85 प्रतिशत सकल घरेलू उत्पाद ( GDP ) का प्रतिनिधित्व करता है. G 20 के सदस्य देश विश्व के 75 प्रतिशत व्यापार का भी प्रतिनिधित्व करते हैं. G20 एजेंडा दो चैनलों ( ट्रैक ) से संचालित होता है, जिसमें फाइनेंस एवं शेरपा ट्रैक शामिल है. G20 का कोई स्थायी अध्यक्ष नहीं है, बल्कि इसकी अध्यक्षता की जिम्मेदारी हर साल अलग-अलग सदस्य देशों को मिलती रहती है.
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